किचन के स्लैब पर रोटी बेलनी चाहिए या नहीं? जानें क्या कहता है वास्तु और साइंस
Rolling Rotis On Kitchen Slab: क्या आप भी किचन के स्लैब पर रोटियां बेलती हैं? वास्तु और साइंस के नजरिए से आपकी ये आदत कितनी सही है आइए जानते हैं।

भारतीय रसोई में रोजाना बनने वाली चीजों में से रोटी भी एक है। इसके लिए गेहूं के आटे को गूंथकर उसे चकले बेलन की मदद से गोल शेप दे कर पकाया जाता है। हालांकि कुछ लोग चकले बेलन की जगह रसोई की स्लैब पर ही रोटी को बेलने का काम करते हैं। स्लैब पर रोटी बेलना काफी सहूलियत भरा होता है क्योंकि इसमें काफी स्पेस मिल जाता है। दूसरी और कुछ लोग स्लैब पर रोटियां बेलना गलत मानते हैं और चकले बेलन का ही इस्तेमाल करते हैं। आखिर क्या सही है क्या गलत है, आज इसी बारे में जानते हैं। हम वास्तु और साइंस दोनों के नजरिए से यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर स्लैब को रोलिंग स्पेस की तरह इस्तेमाल करना चाहिए भी या नहीं।
जानें क्या कहता है वास्तुशास्त्र
वास्तु के अनुसार किचन स्लैब पर रोटी बेलना स्वीकार्य है लेकिन कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले तो रसोई में सकारात्मकता और शुद्धता बनी रही इसके लिए रोलिंग स्पेस को साफ-सुथरा रखना चाहिए। वस्तु के नियम के अनुसार रसोई में खाना बनाने की जगह पूर्व दिशा की ओर होनी चाहिए। ऐसा इसलिए भी ताकि वहां सूरज का प्रकाश सही मात्रा में पहुंच सके। इससे खाने में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी। इसके विपरीत यदि रसोई उत्तर दिशा में है तो वहां सूर्य की रोशनी ना पहुंचने की वजह से नमी और बैक्टीरिया पनपने का खतरा हो सकता है।
साइंस के अनुसार स्लैब पर रोटी बेलना कितना सही?
साइंस के मुताबिक स्लैब पर रोटी बेलना हेल्थ के लिहाज से नुकसानदायक हो सकता है। स्लैब पर रोटियां बेलने से हाइजीन मेंटेन करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। यदि साफ-सफाई का ध्यान ना रखा जाए तो स्लैब पर कीटाणु और बैक्टीरिया पनपने का खतरा हो सकता है। इसके अलावा यह भी पॉसिबल है कि रात के समय या आपकी गैर मौजूदगी में स्लैब पर कॉकरोच, चूहे या छिपकली भी गुजर सकते हैं। इससे कई बीमारियों के फैलने का खतरा हो सकता है। इसलिए साइंस के हिसाब से लकड़ी के बोर्ड या चकले का इस्तेमाल करना ज्यादा हाइजीनिक ऑप्शन हो सकता है।
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