ज्यादा फोन चलाने से दिमाग को होते हैं ये 3 गंभीर नुकसान, जाने-माने डॉक्टर ने गिनाएं खतरे!
अगर आप भी सारा दिन बैठकर फोन पर स्क्रॉलिंग करते रहते हैं, तो आपके जरूर जान लेना चाहिए कि इस आदत से आपके ब्रेन पर क्या असर पड़ रहा है। फेमस गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर सौरभ सेठी ने इसी बारे में जरूरी जानकारी साझा की है।

दिन भर में कितने घंटे आप बिना फोन के गुजारते हैं? शायद ही आपने कभी यह सवाल खुद से किया हो लेकिन जरा सोचेंगे तो पूरे चांस हैं कि जवाब हैरानी में डालने वाला होगा। क्योंकि आजकल जो हालात हैं उस हिसाब से ज्यादातर लोग मुश्किल से घंटा भर भी अपने फोन से दूर रहना पसंद नहीं करते। अब काम के सिलसिले से अगर आप फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह कारण समझ आता है लेकिन अधिकतर मामलों में लोग बिना किसी वजह भी दिन भर बैठकर फोन पर स्क्रॉलिंग में लगे रहते हैं। फेमस गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर सौरभ सेठी ने दिन भर फोन में लगे रहने की इस आदत को ब्रेन के लिए नुकसानदायक बताया है। उन्होंने इस आदत के ब्रेन पर होने वाले कुछ साइड इफेक्ट्स बताए हैं, जो वाकई काफी सीरियस हैं और सभी को जरूर जान लेने चाहिए। आइए जानते हैं डॉक्टर का क्या कहना है।
काम की चीजों पर ध्यान लगाने में होती है परेशानी
डॉक्टर सौरभ सेठी के अनुसार जब आप सारा दिन बैठकर फोन पर अपनी मनपसंद चीजें देखते रहते हैं, तो दिमाग में ढेर सारा डोपामिन हार्मोन रिलीज होता है। इसकी वजह से ब्रेन को इंस्टेंट ग्रेटीफिकेशन की आदत सी लग जाती है और आपका ब्रेन कुछ ऐसा करना चाहता है जिसे कर के उसे तुरंत खुशी मिले। इससे होता ये है कि किताबें पढ़ना या प्रॉब्लम सॉल्विंग जैसी चीजों में ध्यान लगाना मुश्किल हो जाता है क्योंकि इन्हें करने पर तुरंत तो कोई खुशी नहीं मिलती। ऐसे में आप काम की चीजों पर थोड़ा कम फोकस कर पाते हैं और फोन चलाने की इच्छा बढ़ती जाती है।
बढ़ जाती है एंग्जाइटी और अकेलेपन की भावना
डॉक्टर सेठी के मुताबिक जब आप सारा दिन सोशल मीडिया पर स्क्रॉलिंग करते रहते हैं तो अक्सर औरों की परफेक्ट लाइफ को देखकर अपनी लाइफ से कंपेयर करने लगते हैं। जबकि यह समझना जरूरी है कि सोशल मीडिया पर हर कोई अपने जीवन के सिर्फ सबसे अच्छे पहलू ही दिखा रहा है। इस वजह से एंग्जाइटी और अकेलेपन की भावना, लोगों में बहुत कॉमन भी होती जा रही है। डॉक्टर बताते हैं कि फोन का ज्यादा इस्तेमाल करने से ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन की भी कमी होने लगती है। ये वही हार्मोन है जो लोगों से जुड़ाव की भावना पैदा करता है। इसके अभाव में भी अकेलापन और तनाव महसूस होने लगता है।
होने लगती है मानसिक थकावट
जिस तरह ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने के बाद हमारा शरीर थक जाता है ठीक उसी तरह हमारा दिमाग भी थक जाता है। इसे मानसिक थकावट कहते हैं और ऐसा होने पर आप देखेंगे कि आपका किसी काम में मन नहीं लगेगा, अजीब सा भारीपन रहेगा और आपको गंदे-गंदे विचार आएंगे। डॉक्टर सेठी के अनुसार जब आप सारा दिन फोन पर बैठकर कुछ ना कुछ देखते रहते हैं, तो ज्यादा डोपामिन के कारण आपका दिमाग थका हुआ महसूस करता है। ऐसे में अपने ब्रेन को रीसेट करने के लिए फोन को साइड रखें और किसी तरह की एक्सरसाइज या अपने दोस्तों से मिलें। जितना ज्यादा ऑफलाइन टाइम स्पेंड करेंगे उतने अच्छे से आप चीजों पर फोकस कर पाएंगे और स्ट्रेस फ्री रहेंगे।
(Credit: @doctor.sethi_Instagram)
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