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क्या होता है 'थिक हार्ट सिंड्रोम'? जब मोटी होने लगती है दिल की नसें

Thick Heart Syndrome: थिक हार्ट सिंड्रोम एक आनुवंशिक रोग है, जो हृदय की मांसपेशियों को मोटा कर देता है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति की हृदय गति रुकना, अनियमित दिल की धड़कन और अचानक मृत्यु हो सकती है।

Manju Mamgain लाइव हिन्दुस्तानThu, 5 June 2025 02:11 PM
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क्या होता है 'थिक हार्ट सिंड्रोम'? जब मोटी होने लगती है दिल की नसें

मानव शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक दिल है। दिल पूरे शरीर में रक्त को पंप करने का कार्य करता है। जिससे शरीर के सभी अंगों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। दिल की सेहत का ख्याल ना रखने पर व्यक्ति को सेहत से जुड़ी कई समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं। जिसमें से एक हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी, जिसे एचसीएम या थिक हार्ट सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। लोग इस स्थिति को साइलेंट किलर के नाम से भी बुलाते हैं। दरअसल, थिक हार्ट सिंड्रोम एक आनुवंशिक रोग है, जो हृदय की मांसपेशियों को मोटा कर देता है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति की हृदय गति रुकना, अनियमित दिल की धड़कन और अचानक मृत्यु हो सकती है।

क्या है थिक हार्ट सिंड्रोम की समस्या?

थिक हार्ट सिंड्रोम को एलवीएच के रूप में भी जाना जाता है। यह हृदय रोग का एक जटिल प्रकार है जो हृदय की मांसपेशियों को प्रभावित करता है। इस स्थिति में दिल का मुख्य चैम्बर मोटा होने लगता है। हार्ट मसल्स के मोठे होने की वजह से दिल को उच्च दबाव और रक्त की बड़ी मात्रा को पंप करने में काफी कठिनाई हो सकती है। इस स्थिति में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या सबसे आम कारण है। जिसकी वजह से व्यक्ति को थकान, सांस फूलना, अनियमित दिल की धड़कन और दिल का दौरा भी पड़ सकता है।

थिक हार्ट सिंड्रोम के कारण

थिक हार्ट सिंड्रोम के पीछे उम्र, लिंग और आनुवंशिक जैसे कई कारण हो सकते हैं। जिसका पता नियमित ईसीजी या इकोकार्डियोग्राम के दौरान लगता है।

थिक हार्ट सिंड्रोम के लक्षण

-छाती में दर्द या दबाव

-सांस लेने में कठिनाई

-थकान

-धड़कन की अनियमितता

-बेहोशी

थिक हार्ट सिंड्रोम से बचाव के उपाय

थिक हार्ट सिंड्रोम को लाइफस्टाइल में सुधार करके बड़ी आसानी से रिवर्स किया जा सकता है। इसके लिए व्यक्ति को अल्कोहल और स्मोकिंग से दूरी बनाने के साथ हेल्दी डाइट, दिल की नियमित जांच, कम तनाव, स्लीप शेड्यूल में सुधार, फिजिकल वर्कआउट और डॉक्टर से पूछे बिना किसी दवा का सेवन ना करना जैसे उपाय अपनाने होंगे।

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