MP के इंदौर में फेरे लेने वाले थे 49 जोड़े, अचानक ऐसा क्या हुआ जो प्रशासन ने रोक दी 36 की शादी
मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में प्रशासन ने एक सामूहिक विवाह के समारोह को रुकवा दिया। एक अधिकारी ने बताया कि जिले में 49 जोड़ों की शादी होनी थी। आयोजकों को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।

मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में प्रशासन ने एक सामूहिक विवाह के समारोह को रुकवा दिया। विवाह समारोह में 36 ऐसे जोड़ों की शादी होने वाली थी जिनकी उम्र शादी के लिए मान्य उम्र से कम थी। ऐसे में प्रशासन हरकत में आया और कार्यक्रम रोक दिया। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। जिले में 49 जोड़ों की शादी होनी थी।
बाल विवाह के खिलाफ महिला और बाल विकास विभाग के गठित उड़नदस्ते के प्रभारी महेंद्र पाठक ने बताया कि देपालपुर तहसील के बछौड़ा गांव में एक समुदाय के सामूहिक विवाह समारोह में कुल 49 जोड़ों की शादी होनी थी, लेकिन प्रशासन की जांच में इनमें से 36 जोड़ों की उम्र कानूनी रूप से तय आयु से कम पाई गई। उन्होंने बताया कि आयोजकों को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देकर इन नाबालिग जोड़ों का विवाह रुकवाया गया।
पाठक ने बताया कि जिन जोड़ों की शादी रुकवाई गई उनमें से अधिकतर लड़कियों की उम्र 16-17 साल थीं, जबकि ज्यादातर लड़कों की उम्र विवाह के लिए तय कानूनी उम्र से कम थी। उन्होंने बताया, ‘‘सामूहिक विवाह समारोह में उन्हीं 13 जोड़ों की शादी कराई गई जिनकी उम्र शादी के लिहाज से कानूनन सही पाई गई।’’
देश में शादी करने के लिए न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए 21 साल और लड़कियों के लिए 18 साल तय की गई है और इससे कम उम्र पर शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है।
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