रेल यात्रियों के लिए बंदर बना मुसीबत, एसी कोच की छत पर बैठकर आगरा से ग्वालियर पहुंचा; डेढ़ घंटे लेट हुई ट्रेन
अमृतसर से चलकर बिलासपुर के बीच चलने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में एक बंदर ने आगरा से ग्वालियर तक रेलवे विभाग के पसीने छुड़ा दिए। बंदर ने पूरा सफर ट्रेन के एसी कोच H-1 की छत पर बैठकर तय किया। यह बंदर रेलवे के लिए ढाई घंटे तक सिरदर्द बना रहा।

अमृतसर से चलकर बिलासपुर के बीच चलने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में एक बंदर ने आगरा से ग्वालियर तक रेलवे विभाग के पसीने छुड़ा दिए। बंदर ने पूरा सफर ट्रेन के एसी कोच H-1 की छत पर बैठकर तय किया। वह राजा की मंडी से ट्रेन पर सवार हुआ था और ग्वालियर के डबरा में वन विभाग ने उसे रेस्क्यू किया। इस दौरान आगरा से ग्वालियर तक 6 स्टेशनों पर ट्रेन को रोककर बंदर को उतारने की कोशिश की गई। पहले से एक घंटे देरी से चल रही ट्रेन इस वजह से डेढ़ घंटे से ज्यादा देर हो गई। यह बंदर रेलवे के लिए ढाई घंटे तक सिरदर्द बना रहा।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि राजा की मंडी, आगरा से गुजर रही छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के H-1 कोच की छत पर एक बंदर उछल-कूद कर रहा था। इस दौरान बंदर को करंट लग गया, जिससे वह घायल होकर कपलिंग के बीच कूद गया। इसकी सूचना कंट्रोल रूम को दी गई, जिसके बाद ट्रेन को आगरा कैंट, धौलपुर, मुरैना, बानमोर, ग्वालियर और डबरा स्टेशनों पर रोककर बंदर को उतारने की कोशिश की गई, लेकिन जैसे ही ट्रेन चलती, बंदर फिर से ट्रेन पर सवार हो जाता।
ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर वन विभाग की टीम को बुलाया गया और करीब 10 मिनट तक चेकिंग की गई, लेकिन बंदर कहीं नहीं मिला। ट्रेन के चलने के बाद वह H-1 कोच की कपलिंग के बीच छिपा हुआ दिखा, जिसके बाद कंट्रोल को दोबारा सूचना दी गई। अंततः डबरा में बंदर को रेस्क्यू किया गया। इस तरह बंदर के कारण ट्रेन आगरा से ग्वालियर के बीच 30 मिनट तक प्रभावित रही। ट्रेन आगरा कैंट स्टेशन पर 1 घंटे 8 मिनट देरी से पहुंची थी, जबकि ग्वालियर आते आते यह 1 घंटे 38 मिनट लेट हो गई। यानी, 30 मिनट की देरी बंदर की वजह से हुई।
रिपोर्ट- अमित कुमार
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