पाकिस्तान को एक और झटका, इंदौर से 25 करोड़ की दवा भेजने पर रोक
देश में कुछेक शहरों से ही पाकिस्तान को दवाएं सप्लाय होती हैं, जिनमें से इंदौर एक है। इंदौर से दवाएं अरब देशों को भेजी जाती हैं और वहां से पाकिस्तान को जाती हैं।

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के दवा व्यापारियों द्वारा पाकिस्तान को भेजी जाने वाली सालाना करीब 25 करोड़ रुपए की दवाएं और अन्य सर्जिकल आयटम्स का निर्यात बंद कर दिया गया है। पाकिस्तान को दवाएं सीधे नहीं बल्कि अरब देशों के रास्ते होकर जाती थी। पाकिस्तान को जो दवाएं सप्लाई होती थीं उनमें शुगर, बीपी, थाईराइड, हार्ट, कैंसर की प्रमुख हैं। बेसिक ड्रग डीलर मर्चेंट्स एसोसिएशन के महासचिव जेपी मूलचंदानी ने बताया कि इंदौर की दवाओं की पाकिस्तान में इसलिए डिमांड होती है क्योंकि ये असरकारक होने के अलावा रिजनेबल कीमत और रिलायबल होती है।
देश में कुछेक शहरों से ही पाकिस्तान को दवाएं सप्लाय होती हैं, जिनमें से इंदौर एक है। इंदौर से दवाएं अरब देशों को भेजी जाती हैं और वहां से पाकिस्तान को जाती हैं। इसका कारण दवाओं का भाड़ा सस्ता होना है। उधर, हिंदुस्तान फॉर्मास्युटिकल कंपनी इंदौर के मालिक डॉ. अशोक बडज़ात्या ने बताया कि 2019 में पुलवामा हमले के बाद भी कारोबार बंद नहीं किया था, मगर इस बार तो पानी सिर से ऊपर उठ गया और दवाएं भेजना बंद कर दी हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान को जनरल बेसिक ड्रग्स सप्लाई करते रहे हैं, यानी ऐसी दवाइयां जो सर दर्द, बुखार, जुकाम, उल्टी-दस्त के इलाज में काम आती हैं। साथ ही इन्हीं ड्रग्स से चोट का इलाज और पेन किलर भी बनते हैं। मेडिकल फील्ड में सबसे ज्यादा उपयोग इन्हीं दवाइयों का होता है। दूसरे देशों की तुलना में पाकिस्तान को यह ड्रग्स भारत से काफी किफायती दामों में मिलती हैं। जाहिर है कि दूसरे देश भारत की तुलना में काफी महंगे दामों पर बेचेंगे। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इससे प्रभावित होगी।
बात की जाए यदि मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में दवा कारोबार की तो मध्य प्रदेश के नीमच, रतलाम ,उज्जैन धार, इंदौर, देवास सहित बालाघाट में 65 करोड़ का कारोबार सालाना होता है जिसमें से 62 करोड रुपए का निर्यात मध्य प्रदेश बाहर के देशों में करता है। वहीं मध्य प्रदेश के कई ऐसे इलाके हैं जहां केमिकल और फार्मा ड्रग पाकिस्तान को सप्लाई की जाती है पाकिस्तान को लगभग 37 करोड़ की सप्लाई रतलाम, उज्जैन, धार और इंदौर से की जाती है जिसमें सबसे अधिक फार्मा और केमिकल ड्रग होते हैं। यह कड़े वर्ष 2024 के बताई जा रहे हैं।
भारत ने पिछले साल करीब 2 लाख करोड रुपए का निर्यात पाकिस्तान के साथ किया था । भारत का 1 महीने का जीएसटी कलेक्शन है 1.5 लाख करोड़ के लगभग है और भारत यदि पाकिस्तान के साथ किसी प्रकार से भी ट्रेडिंग बंद कर देता तो भारत की कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा लेकिन इस दवा सप्लाई से यह जरूर है कि पाकिस्तान घुटनों पर आ जाएगा
रिपोर्ट-हेमंत नागले