'अतीत नहीं, भविष्य की ओर से देख रहे', उद्धव और राज ठाकरे के साथ आने की अटकलों पर संजय राउत
संजय राउत ने शनिवार को पत्रकारों से कहा, ‘जो लोग सकारात्मक कदम उठाना चाहते हैं, वे पीछे मुड़कर नहीं देखते। हम भविष्य की ओर देखते हैं। आप कब तक अतीत पर सोचते रहेंगे।’

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने चचेरे भाइयों उद्धव और राज ठाकरे के बीच संभावित सुलह की अटकलों पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी अतीत की तरफ नहीं, बल्कि भविष्य की ओर देख रही है। राउत का यह बयान राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेताओं की ओर से शुक्रवार को दिए उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि शिवसेना (UBT) की ओर से मनसे अध्यक्ष को एक प्रस्ताव भेजना चाहिए।
मनसे नेताओं ने कहा था कि जब उनकी पार्टी ने 2014 और 2017 में अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन बनाने का प्रयास किया था, तो उनसे कोई उचित प्रतिक्रिया नहीं मिली थी। राउत ने पत्रकारों से कहा, ‘जो लोग सकारात्मक कदम उठाना चाहते हैं, वे पीछे मुड़कर नहीं देखते। हम भविष्य की ओर देखते हैं। आप कब तक अतीत पर सोचते रहेंगे।’ उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को दोनों क्षेत्रीय दलों के बीच गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि महाराष्ट्र की जनता जो चाहेगी वही होगा।
राज ठाकरे ने अपने बयान में क्या कहा
उद्धव और राज ठाकरे की ओर से हाल में दिए गए बयानों ने दोनों के बीच संभावित सुलह की अटकलों को हवा दे दी है। मनसे 2006 में राज ठाकरे द्वारा गठित संयुक्त शिवसेना से अलग हुआ एक समूह है। दोनों नेताओं के बयानों से संकेत मिला है कि वे मामूली मुद्दों को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग दो दशक के अलगाव के बाद फिर से हाथ मिला सकते हैं। राज ठाकरे ने हाल में कहा था कि मराठी मानुष (मराठी भाषी लोगों) के हित में एकजुट होना मुश्किल नहीं है, वहीं उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटी-मोटी लड़ाइयों को किनारे रखने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को शामिल न किया जाए।