कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए भारत की चुनावी प्रक्रिया पर एक बार फिर सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग की सरकार के साथ मिलीभगत है।
पूर्व जिला परिषद सदस्य गणेश फुके ने कहा कि घायलों को अस्पताल भेजे जाने और मंडप को फिर से स्थापित किए जाने के बाद भी कार्यक्रम जारी रहा। उन्होंने कहा कि यह प्रवचन 18 अप्रैल को शुरू हुआ था जो 25 अप्रैल तक चलेगा।
नितेश राणे ने हिंदी समाचार चैनल से बातचीत में कहा, 'आपको उद्धव ठाकरे से पूछना चाहिए कि क्या उन्होंने मनसे के साथ हाथ मिलाने से पहले रश्मि ठाकरे की अनुमति ली है। ऐसे फैसलों में उनकी राय अधिक मायने रखती है।'
अदालत को बताया गया कि जब उन्होंने अवैध ढांचों के खिलाफ कार्रवाई की कोशिश की तो बोकाडवीरा गांव के सरपंच ने उन्हें धमकी दी। इस पर पीठ ने कहा कि अधिकारी कर्तव्यों का पालन करते समय पर्याप्त पुलिस सुरक्षा पाने के हकदार हैं।
चुनाव आयोग ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘ये आरोप एक नाराज और निलंबित पुलिस अधिकारी ने लगाए हैं। EVM के लिए सख्त कानूनी प्रोटोकॉल है, जिसके चलते इससे छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है।’
राजनीति के जानकार बताते हैं कि शिवसेना के टूटने और विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन से उद्धव ठाकरे की स्थिति कमजोर हुई है। उन्हें अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की जरूरत है। राज ठाकरे की मनसे का प्रभाव भी सीमित हो गया है।
बारामती की सांसद ने कहा, ‘महाराष्ट्र में सीबीएसई बोर्ड को अनिवार्य बनाने के शिक्षा मंत्री के बयान का विरोध करने वालों में मैं सबसे पहले थी। मौजूदा राज्य बोर्ड को CBSE से बदलने की क्या जरूरत है?'
किरीट सोमैया ने कहा, ‘मैं इस मुद्दे पर लोगों को संवेदनशील बनाने और अवैध लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए ऐसा कर रहा हूं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ नेता दबाव बनाने और लाउडस्पीकर पर कार्रवाई से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अचानक दंपती को देखकर चोर भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन महिला ने उनमें से एक आरोपी को पकड़ लिया। बचने की कोशिश में आरोपी ने महिला के हाथ पर लोहे के एक औजार से हमला कर दिया।
सीनियर अधिकारी ने बताया कि ने बताया कि म्यांमार में प्रवेश करते ही पीड़ितों को सशस्त्र विद्रोही समूह कड़ी सुरक्षा वाले परिसरों में ले जाते थे और उन्हें बड़े पैमाने पर फर्जी निवेश योजनाओं के नाम पर साइबर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर करते थे।