Supreme Court imposed fine on petitioner who filed PIL CJI BR Gavai protocal breach यह PIL नहीं, प्रचार हित याचिका है; सीजेआई गवई ने ठोंक दिया 7 हजार का जुर्माना, India News in Hindi - Hindustan
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यह PIL नहीं, प्रचार हित याचिका है; सीजेआई गवई ने ठोंक दिया 7 हजार का जुर्माना

जस्टिस गवई ने कहा था, 'मैं आमतौर पर प्रोटोकॉल में विश्वास नहीं करता। हालांकि, संविधान के प्रत्येक अंग को संविधान के दूसरे अंग को सम्मान देना चाहिए, जब ​चीफ जस्टिस और इस राज्य का बेटा पहली बार महाराष्ट्र आता है।'

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानFri, 23 May 2025 03:52 PM
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यह PIL नहीं, प्रचार हित याचिका है; सीजेआई गवई ने ठोंक दिया 7 हजार का जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिकाकर्ता पर 7 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया, जिसने चीफ जस्टिस बीआर गवई के महाराष्ट्र दौरे पर प्रोटोकॉल के उल्लंघन को लेकर जनहित याचिका (PIL) दायर की थी। सीजेआई गवई की अगुवाई वाली पीठ ने याचिका को खारिज करने से पहले कहा कि ऐसी पीआईएल कुछ और नहीं, बल्कि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए दायर की गई 'प्रचार हित याचिका' है। इससे पहले, बीआर गवई ने खुद कहा था कि 18 मई को उनकी मुंबई यात्रा के दौरान प्रोटोकॉल चूक एक मामूली मुद्दा है। इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं किया जाना चाहिए और यहीं विराम देना होगा। एससी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि सभी संबंधित व्यक्तियों ने खेद व्यक्त किया है।

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चीफ जस्टिस 14 मई को शीर्ष पद पर पदोन्नत होने के बाद महाराष्ट्र की अपनी पहली यात्रा पर गए थे। इस दौरान उनकी अगवानी करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक या शहर के पुलिस आयुक्त की अनुपस्थिति पर उन्होंने ऐतराज जताया था। उनकी टिप्पणियां सार्वजनिक होने के कुछ घंटों बाद ही तीनों शीर्ष अधिकारी मुंबई के दादर में डॉ. बीआर आंबेडकर के महापरिनिर्वाण स्थल चैत्यभूमि में मौजूद थे, जब प्रधान न्यायाधीश संविधान निर्माता को वहां श्रद्धांजलि देने गए। मालूम हो कि सीजेआई गवई महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में भाग लेने मुंबई गए थे, जब प्रोटोकॉल संबंधी विवाद खड़ा हुआ।

महाराष्ट्र सरकार ने सीजेआई को राज्य अतिथि का दर्ज दिया

महाराष्ट्र सरकार ने आधिकारिक प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राज्य सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि दिशा-निर्देशों के अनुसार सीजेआई बीआर गवई को महाराष्ट्र में स्थायी राज्य अतिथि का दर्जा दिया गया है। दिशा-निर्देशों में राज्य अतिथि के नियमों का हवाला दिया गया है। महाराष्ट्र राज्य अतिथि नियम, 2004 के अनुसार घोषित राज्य अतिथि की सूची में शामिल व्यक्ति को राज्य प्रोटोकॉल उप-विभाग की ओर से हवाई अड्डों पर स्वागत और विदाई की व्यवस्था की जाती है। जिला स्तर पर, जिलाधिकारी का कार्यालय नामित प्रोटोकॉल अधिकारियों के माध्यम से इसी तरह की व्यवस्था सुनिश्चित करता है।