शहर के कचरे व जलकंुभी से नहर हुई जाम, टूटा सकता है तटबंध
हाल ही में सुअरा नदी से निकलने वाली नहर में पानी के बहाव में वृद्धि होने से पुल में कचरा फंसने का खतरा बढ़ गया है। इससे किसानों को फसल की सिंचाई में समस्या हो सकती है और तटबंध टूटने की आशंका भी बढ़ गई...

हाल सुअरा नदी से निकलकर पटेल चौक से होकर अखलासपुर जाने वाली नहर का नहर में पानी का बहाव बढ़ने से पुल में कचरा के फंसने से हो सकता है लंबा जाम (पेज चार की बॉटम खबर) भभुआ, एक प्रतिनिधि। शहर हवाई अड्डा के आगे सुवरा नहर पुल से मरूई सिवान तक जलकुंभी व कचरा से भरी है। अगर बरसात से पहले इसकी सफाई नहीं कराई गई, तो धान की फसल की सिंचाई करने में किसानों को दिक्कत तो होगी ही, पानी के दबाव से नहर के तटबंध के भी टूटने की आशंका बनी रहेगी। जब बारिश होती है, तब पानी की धार के साथ कचरा पुल के पास फंस जाता है या फिर वहीं पर इकट्ठा होकर पानी को रोकने का काम करता है।
इससे तटबंध के टूटने की आशंका बनी रहती है। इधर, किसानों का कहना है कि रोहिणी नक्षत्र में बिचड़ा डालने की तैयारी की गई है। मोटर पंप व डीजल पंप से खेतों में पानी भर रहे हैं। अगर नहर की सफाई नहीं कराई गई तो तटबंध कहीं ना कहीं टूट जाएगा, जिससे खेतों में पानी भर जाएगा और धान के बिचड़े या फिर फसल नष्ट हो जाएगी। किसानों ने टेल एंड तक नहर की सफाई कराने की मांग की है। किसानों मुन्ना सिंह, सुनील कुमार, अजय किशोर त्रिपाठी, राजनाथ पाल ने बताया कि सुअरा नहर शहर के पटेल चौक से निकलकर अष्टभुजी चौक होते हुए अखलासपुर-सिकठी की ओर गई है। शहर के पटेल चौक व अष्टभुजी चौक के पास सुवरा नदी में वहां के दुकानदारों द्वारा पत्तल व दोने फेंके गए हैं। नदी व नहर में जलकुम्भी भी उगी है। बारिश होने पर यह कचरा सिकठी पुल के पास भी जमा हो जाता है। भगवानपुर की ओर से आई सुवरा नदी में पहाड़ का भी पानी आता है। उक्त किसानों ने कहा कि जब नदी में थोड़ा भी पानी अधिक होगा, तो नहर जाम हो जाएगा, जिससे उसका पानी आगे बहने के बजाय खेत में जमा हो जाएगा। ऐसे में बिचड़ा डालने या रोपनी का काम अवरूद्ध हो सकता है। अखलासपुर के रामेश्वर चौरसिया व आशुतोष तिवारी ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा कभी-कभी नहर की सफाई कराई जाती है। नहर की एकसिरे से सफाई नहीं हो पाती है। इन जगहों की नहर में फेंकते हैं कचरा किसानों ने कहा कि सुअरा नदी के शहर के बीच से होकर आगे सुवरा नहर में मिल गई है। नदी के जरिए शहर का गंदा पानी नहर में आ जाता है। शहर के रणविजय चौक, पटेल चौक, अष्टभुजी चौक पर ठेला व दुकान लगाकर खाद्य पदार्थ बेचने वाले दुकानदार पत्तल, दोना, प्लास्टिक नदी में बहा देते हैं। बरसात होने के बाद जब नहर में पानी का बहाव तेज होता है तब वह गंदगी पुल व अवरोधक के पास जाम हो जाती है, जिससे तटबंध को क्षति पहुंचती है। सिकठी व अखलासपुर पुल के पास फंसा है कचरा नदी में दुकानदारों द्वारा फेंका गया कचरा सुवरा नहर में आकर सिकठी व अखलासपुर पुल के पास जाम हो जाता है। इस कारण नहर के पानी का बहाव अवरूद्ध हो जाता है। गाद-सिल्ट, जलकुंभी भी इस नहर में है, जिसकी सफाई नहीं होने से पानी का बहाव काफी कम हो रहा है। अष्टभुजी चौक से सिकठी पुल के बीच नहर का तटबंध तीन-चार जगह कमजोर है। कोट नगर परिषद क्षेत्र के अष्टभुजी चौक के पास की नदी की गंदगी की सफाई कराई जाती है। सिकठी व अखलासपुर ग्रामीण क्षेत्र में आता है। ग्रामीण क्षेत्र की नदी या नहर की सफाई की जिम्मेदारी नगर परिषद की नहीं है। संजय उपाध्याय, ईओ, नप फोटो- 23 मई भभुआ- 3 कैप्शन- शहर के अष्टभुजी चौक के पास स्थित सुवरा नहर में शुक्रवार को जमा कचरा।
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