हाजिरी एप से और वेतन पांच महीने गैप से, ऐसा नहीं चलेगा : व्रजवासी
मुजफ्फरपुर में दो हजार से अधिक और पूरे बिहार में लगभग 25 हजार नियोजित शिक्षकों को पिछले पांच महीनों से वेतन नहीं मिला है। विधान पार्षद वंशीधर व्रजवासी ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक से मुलाकात कर एक हफ्ते...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। जिले के दो हजार से अधिक और सूबे के लगभग 25 हजार नियोजित शिक्षकों को पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिला है। इससे बिफरे विधान पार्षद वंशीधर व्रजवासी ने शुक्रवार को प्राथमिक शिक्षा निदेशक से मुलाकात की और कहा कि इसके लिए वह वित्तमंत्री के समक्ष धरने पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि हाजिरी एप से और वेतन पांच महीने गैप से, ऐसा नहीं चलेगा। व्रजवासी ने कहा कि राज्य सरकार से एक सप्ताह के अंदर आवंटन जारी कर शिक्षकों का भुगतान करने का अल्टीमेटम दिया है। यदि शिक्षकों का भुगतान नहीं हुआ तो चुप नहीं बैठेंगे। इस बाबत उपमुख्यमंत्री और राज्य के वित्तमंत्री सम्राट चौधरी को पत्र भी लिखा है।
5 माह से वेतन के अभाव में शिक्षक त्राहिमाम की स्थिति से गुजर रहे हैं। राज्य सरकार मद से लगभग 65,000 नियोजित शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा था, जिनमें लगभग 40,000 शिक्षक सक्षमता परीक्षा के आधार पर विशिष्ट शिक्षक बन चुके हैं। शेष लगभग 25,000 शिक्षकों के लिए आवंटन जारी करने की मांग कई विधान पार्षदों सहित उनके द्वारा सदन में की गई। आवंटन जारी करने का भरोसा दिलाया गया था, लेकिन भुगतान नहीं किया गया। सीतामढ़ी जिले में दिसंबर से और मुजफ्फरपुर में जनवरी से वेतन भुगतान नहीं हो सका है। किससे लेंगे उधार, आने-जान तक के नहीं हैं पैसे शिक्षिका नीतू व शिक्षक देवेश ने कहा कि वेतन के अभाव में बीमार मां-बाप की दवा और इलाज की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं। बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। किराना दुकानदारों ने उधार राशन देना बंद कर दिया है। अधिकांश शिक्षक बैंकों से ऋण लिये हुए हैं, जिसकी किस्त समय पर जमा नहीं करने के कारण साख गिर रही है और जुर्माना लग रहा है। इधर, शिक्षकों पर सख्ती का आलम यह है कि एप से समय पर हाजिरी बनवाई जा रही है। विलंब होने पर कार्रवाई भी की जा रही है।
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