सुपौल : वाणिज्यिक खेती अपनाकर किसान होंगे आत्मनिर्भर: सांसद
सुपौल में सांसद दिलेश्वर कामैत ने कहा कि कृषि विभाग किसानों की उन्नति के लिए विभिन्न योजनाएं चला रहा है। उन्होंने बताया कि योजनाओं का लाभ केवल कुछ किसानों तक सीमित है और नए किसानों को जोड़ने की...

सुपौल, हिन्दुस्तान संवाददाता। सूबे की अर्थव्यवस्था में कृषि का महती योगदान है। यहां की 80 प्रतिशत आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। इसलिए बिहार सरकार कृषि के विकास और किसानों की उन्नति के लिए कृषि विभाग विभिन्न ससरकारी योजनाएं चला रही हैं। यह बातें शुक्रवार को शहर के टाऊन हॉल में आयोजित खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यशाला में सांसद दिलेश्वर कामैत बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कृषि से जुड़ी हर संसाधन पर अनुदान दिया जा रहा है। बावजूद कृषि के क्षेत्र में जितना काम होना चाहिए वह नहीं हो रहा है। इसकी वजह योजना के लिए वास्तविक किसानों का चयन नहीं होना है।
अधिकांश देखा जाता है कि एक ही किसानों का चयन हर साल योजनाओं के लिए किया जाता है। इस कारण जो मेहनती किसान हैं उनतक योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। डीडीसी ने कहा कि अगर 50 प्रतिशत भी नए किसानों को योजना से जोड़ा जाए तो काफी हद तक किसान मजबूत हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के कर्मी सहित सभी पदाधिकारी सुदूर गांव स्तर तक के नये-नये किसानों के बीच जाएं। ताकि किसान जागरूक हो सकें और आधुनिक खेती के साथ-साथ जलवायु अनुकूल खेती अंतर्गत बाढ़-सुखाड़ जैसी परिस्थिति में उन्नत तरीके से खेती कर सकें। किसानों को प्राकृतिक खेती, जैविक खेती, धान की सीधी बुआई कर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। सांसद श्री कामैत ने कृषि क्षेत्र में उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्यिक फसल जूट, संकर धान, तेलहन फसल के क्षेत्रफल विस्तार को वर्तामान समय की जरूरत बताया। बताया कि इससे कम लागत में अधिक मुनाफा कमाकर किसान आत्मनिर्भर हो सकेंगे। किसानों को पसंद के अनुसार मिलेगा बीज: डीएओ अजीत कुमार ने सरकार द्वारा कृषि और किसानों की तरक्की के लिए चलायी जा रहीं विभिन्न योजनाओं के बारे में कार्यक्रम में मौजूद कर्मी व किसानों को दी। उन्होंने कहा कि किसानों को इस साल धान के शंकर प्रभेद के बीज अनुदान पर मिलेंगे। अच्छी बात यह कि किसान अपनी पसंद के अनुसार शंकर प्रभेद एवं उन्नत प्रभेदों का चयन करने के लिए स्वतंत्र हैं। किसानों के लिए राहत यह भी कि इस बार बेबी कॉर्न एवं स्वीट कॉर्न मक्का के बीज पर अनुदान 50 से बढ़ाकर 75 फीसद कर दिया गया है। साथ ही शंकर मक्का का बीज 150 रुपए प्रति किलो की दर से अनुदान पर मिलेगा। कहा कि शंकर धान योजना के तहत एराइज 6444 गोल्ड बीज का वितरण किया जाना है। इसके लिए किसानों से उनकी राय भी ली गई थी जिसमें किसानों से अधिक से अधिक इस प्रभेद के धान बीज के इस्तेमाल करने की बात कही। 6184 मिट्टी नमूनों की जांच का है लक्ष्य: डीएओ अजीत कुमार यादव ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में मिट्टी जांच के लिए कुल 6184 नमूना संग्रह का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, इसके तहत किसानों के खेतों की मिट्टी नमूनों की जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराना है। फिलहाल 777 मिट्टी के नमूनों की जांच की गई है और 187 किसानों को मृदा कार्ड भी उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि खरीफ 2025-26 में जिला को विभिन्न योजना में विभिन्न फसलों के लिये कुल 1800 क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इच्छुक किसान कृषि विभाग के वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। योजनाओं की दी गई जानकारी: जिला स्तरीय खरीफ महाअभियान में कृषि, उद्यान, भूमि संरक्षण, पशुपालन, मत्स्यपालन, नाबार्ड, बैंक आदि द्वारा किसानों के हित में चलायी जा रहीं योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। मौके पर डीएओ के अलावा पटना से हॉर्टिकल्चर के डिप्टी डायरेक्टर राकेश कुमार, श्यामनंदन कुमार सहायक निदेशक पौधा संरक्षण, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण अखिलेश कुमार, सहायक निदेशक उद्यान अमृता कुमारी, सहायक निदेशक रसायन अमितेष कुमार, उप परियोजना निदेशक चन्द्र आलोक कुमार, सहायक निदेशक प्रक्षेत्र आशीष कुमार, जिले के सभी अनुमंडल कृषि दाधिकारी, सभी बीएओ, कूृषि समन्वयक, किसान सलाहकार, किसान सहित अन्य मौजूद थे।
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