सड़क-नालों पर अतिक्रमण कर बना दीं दुकानें, अब जाम ने बढ़ायी मुसीबत
दरभंगा शहर में अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण सड़क, फुटपाथ और नाले का अस्तित्व मिट गया है। लोगों का कहना है कि इससे ट्रैफिक जाम और आपात सेवाओं में बाधा आ रही है। नगर निगम प्रशासन पर दोषारोपण...
प्रमंडलीय शहर दरभंगा में बढ़ता अतिक्रमण समस्याओं का सबब बन चुका है। लोगों का कहना है कि अतिक्रमण से सड़क, फुटपाथ, नाले आदि का वजूद मिट चुका है। शहर के मुख्य पथ व लिंक सड़कों पर ट्रैफिक जाम बढ़ गया है जो आम लोगों के साथ एंबुलेंस-अग्निशमन जैसी आपात सेवाओं को भी प्रभावित कर रहा है। लोग बताते हैं कि दरभंगा से लहेरियासराय तक फुटपाथ व नाले अतिक्रमित हैं। कहीं लाइन होटल चल रहा है तो कहीं दवा, गैरेज कपड़े आदि की दुकानें सजी हैं। इससे वाहन सवारों व पैदल चलने वाले लोगों को दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं। लोग इसका जिम्मेदार जिला व नगर निगम प्रशासन को करार देते हैं।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वसुधा रानी, प्रो.अंजू नारायण चौरसिया, डॉ. जगत नारायण नायक, वरीय नागरिक अनिल अग्रवाल, लनामिवि के एनएसएस समन्वय डॉ. आरएन चौरसिया, सामाजिक कार्यकर्ता चंदन मिश्रा, सुपन कुमार सिंह आदि बताते हैं कि अतिक्रमण नासूर बन चुका है। इससे शहर की लाइफलाइन कहलाने वाली 80-85 फीट की वीआईपी रोड सिमटकर 30-35 फीट की रह गई है। वहीं, लोहिया चौक से आयकर चौराहा आने वाली मुख्य सड़क भी सिकुड़ी है। उन्होंने बताया कि नाले के स्लैब व फुटपाथ पर दुकानों की सीढ़ी, एप्रोच आदि बनी है। दोनार, अललपट्टी चौक, बेंता, लहेरियासराय टावर, लोहिया चौक, बाकरगंज आदि जगहों पर तो दवा, होटल, शोरूम संचालक आदि ने सड़क पर टाइल्स-मार्बल्स जड़वा रखा है। इससे शहर में वाहन पार्किंग समस्या बनी हुई है। आम लोग व टेंपो-टोटो चालक मजबूरी में वाहन सड़क पर पार्क करते हैं। उन्होंने बताया कि इससे यातायात बाधित होता है और ट्रैफिक पुलिस चालान काट देती है। इससे आम शहरी परेशान हैं। उन्होंने बताया कि अतिक्रमणकारी इतने दबंग हैं कि दरभंगा टावर, हसन चौक आदि जगहों पर सड़क व नाला निर्माण कार्य बाधित हो रहा है। कई जगहों पर कार्यरत एजेंसी इन्हें बिना हटाए सड़क-नाला बना रही है। उन्होंने बताया कि अतिक्रमणमुक्त होने पर ही शहर सुंदर व स्वच्छ बनेगा। इसके बावजूद इसे हटाने की कारगर पहल अधर में है।
निगम का बढ़ रहा खर्च, अभियान बेअसर: दरभंगा व लहेरियासराय के रूप में दो भाग में शहर बंटा हुआ है। इसे दरभंगा से लहेरियासराय टावर जाने वाला वीआईपी रोड व आयकर चौराहे से लोहिया चौराहे जाने वाला एलएन मिश्रा पथ जोड़ते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता उज्जवल कुमार, पवन झा, रत्नेश्वर झा, प्रशांत कुमार, तरुण शर्मा, रवि कुमार, हेमंत शर्मा, ओम कुमार झा आदि बताते हैं कि निगम प्रशासन पिछले एक-डेढ़ दशक से अतिक्रमण हटाने की खानापूरी कर रहा है। शहर में निगम व पुलिस प्रशासन वीआईपी नेताओं के आगमन या प्रशासनिक दबाव पर ही अतिक्रमणमुक्ति अभियान चलाता है। इसके बाद एकाध-दिन या चंद घंटों तक शहर में तेज रफ्तार ट्रैफिक व्यवस्था रहती है, फिर यथास्थिति बन जाती है। उन्होंने बताया कि इसके चलते बार-बार एक ही जगह से अतिक्रमण हटाने का सिलसिला बना है। इससे नगर निगम व पुलिस प्रशासन का खर्च बढ़ रहा है।
-बोले जिम्मेदार-
नगर निगम की ओर से अस्थायी अतिक्रमण को हटाया जाता है, पर निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई नगर आयुक्त के माध्यम से सीओ से अनुमति लेने के बाद होती है। हाल ही में ऐसी कार्रवाई करमगंज में हुई है। आगे भी लोगों की ओर से शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। - अंजुम आरा, मेयर
अतिक्रमण के विरुद्ध धावा दल की ओर से समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। इस दौरान दोबारा अतिक्रमण करने वाले लोगों से नियमानुसार जुर्माना वसूला जाता है। अतिक्रमण की जानकारी मिलने पर नगर आयुक्त के आदेश से त्वरित कार्रवाई की जाती है। - रवि अमरनाथ, सिटी मैनेजर
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