एक ही छत के नीचे आइसोलेटेड की तरह रहता था केके का परिवार
आदित्यपुर के चित्रगुप्त नगर में एक ही परिवार के चार सदस्यों ने आर्थिक तंगी और कैंसर की बीमारी के कारण आत्महत्या कर ली। सुसाइडल नोट में इन कारणों का जिक्र है। पिता ने बताया कि उनके बेटे को ब्लड कैंसर...
आदित्यपुर थाना क्षेत्र के चित्रगुप्त नगर में एक ही परिवार के चार व्यक्तियों के फांसी लगाकर आत्महत्या के सनसनीखेज मामले में प्रथम दृष्टया आर्थिक तंगी की बात सामने आ रही है। सुसाइडल नोट में भी इस बात का जिक्र है। हालांकि इसका खुलासा पुलिस ने अभी तक नहीं किया है। किंतु यह बात सामने आ रही है कि पिता के अलावा दो सहोदर भाइयों में सभी अलग थलग (आइसोलेटेड) की तरह रहते थे। इसी का परिणाम रहा कि घर में इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी तत्काल किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। इसके साथ ही कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी की खौफ ने परिवार की खुशियां छिन ली थी।
इलाज के लिए ढेर सारे पैसे और परिवार का सहयोग नहीं मिलना भी एक कारण है। दो मासूम बेटियां के साथ जिस परिस्थितियों में पति पत्नी ने फांसी पर झूलने का निर्णय लिया, यह काफी कठोर दिल का काम है। परिजनों एवं पड़ोसियों को भी यह घटना गले नहीं उतर रही है। बल्कि इस घटना से पीछे की तैयारी पर सहज विश्वास करना कठिन हो गया है। पिता शोभिंदो तिवारी ने बताया कि इसी माह उनके पुत्र को जमशेदपुर में जब ब्लड कैंसर होने की पुष्टि हुई तो उसी समय से वह काफी डिप्रेशन में रहने लगा था। मुझे जब बताया तो उसे लेकर मुंबई गया। वहां भी उसकी जांच कराई। वहां के चिकित्सकों ने कीमो लेने की सलाह दी। इसपर कृष्ण कुमार ने कहा कि कीमो के लिए एक सप्ताह रुकना पड़ेगा, साथ ही बहुत सारे ब्लड की व्यवस्था करना पड़ेगा, जो यहां संभव नहीं है। पिता ने बताया कि जमशेदपुर में भी कीमो की सुविधा रहने से उन्होंने घर आने का निर्णय लिया। मुंबई से बीते 19 मई को फ्लाइट से वे घर पहुंचे। उसके बाद सबकुछ सामान्य था। बताया कि 23 की सुबह से लेकर रात तक जब घर से कोई नहीं निकला तो उन्हें अनहोनी की आशंका हुई। उन्होंने आदित्यपुर पुलिस को फोन पर मामले की जानकारी दी। उसके बाद घर का दरवाजा को तोड़ा गया। जहां पति, पत्नी और दो मासूम बेटियां फंदे पर झूल रही थी।
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