Training Program Launched for Kalaazar Elimination in Kishanganj District किशनगंज : कालाज़ार उन्मूलन को लेकर डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ को दिया गया प्रशिक्षण, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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किशनगंज : कालाज़ार उन्मूलन को लेकर डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ को दिया गया प्रशिक्षण

किशनगंज । एक प्रतिनिधि कालाजार उन्मूलन के लिए जिले के बहादुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSat, 24 May 2025 06:17 PM
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किशनगंज : कालाज़ार उन्मूलन को लेकर  डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ को दिया गया प्रशिक्षण

किशनगंज । एक प्रतिनिधि कालाजार उन्मूलन के लिए जिले के बहादुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया,प्रशिक्षण का उद्देश्य चिकित्सकों और पारा मेडिकल कर्मियों को एम बाईसोम आधारित उपचार पद्धति से प्रशिक्षित करना था।प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीएचसी बहादुरगंज और टेढ़ागाछ के चिकित्सा पदाधिकारी एवं पारा मेडिकल कर्मी को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने कहा कि कालाज़ार को जड़ से मिटाने के लिए जरूरी है कि हम उसके प्रत्येक संदिग्ध लक्षण की समय पर पहचान करें और एम बाईसोम जैसे प्रभावी उपचार को प्राथमिकता दें।

यह उपचार तेज़, सुरक्षित और रोगी के लिए कम तकलीफदेह है। स्वास्थ्यकर्मियों को इसकी खुराक, प्रशासन की विधि और जटिलताओं की पहचान में पारंगत होना आवश्यक है। कालाज़ार को चिकित्सा की भाषा में विसरल लीशमैनियासिस कहा जाता है।कालाजार बिहार सहित झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में सक्रिय है। यह रोग एक विशेष प्रकार की बालू मक्खी के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में लंबे समय तक चलने वाला बुखार, वज़न घटना, कमजोरी, तिल्ली और यकृत का बढ़ना प्रमुख हैं। समय रहते पहचान और इलाज नहीं होने पर यह रोग जानलेवा भी हो सकता है। हालांकि, चिकित्सा विज्ञान में आई प्रगति के चलते अब इसका प्रभावी और सस्ता इलाज संभव हो चुका है, जिसमें एम बाईसोम इंजेक्शन एक क्रांतिकारी भूमिका निभाता है | बिहार के सीमावर्ती ज़िलों में कालाज़ार जैसी जानलेवा बीमारी के उन्मूलन को लेकर लगातार प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि जिले के अधिकांश प्रखंडों में सक्रिय निगरानी दल गठित किए गए हैं जो संदिग्ध रोगियों की खोज और त्वरित उपचार सुनिश्चित कर रहे हैं।सुरक्षित दवा का उपयोग कर कालाजार को जिले से पूरी तरह समाप्त कर सकते हैं। सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि कालाज़ार जैसे रोग के खिलाफ लड़ाई अकेले किसी विभाग की नहीं है। इसमें डॉक्टर, नर्स,।एएनएम आशा कार्यकर्ता से लेकर आम जनता तक की भागीदारी आवश्यक है। कहा कि एम बाईसोम जैसी सुरक्षित दवा का उपयोग कर हम इस बीमारी को जिले से पूरी तरह समाप्त कर सकते हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी चिकित्सा संस्थानों में कालाज़ार के लक्षणों को लेकर सतर्कता बरती जाए और हर संदिग्ध मामले की तुरंत ।जांच कराकर इलाज शुरू किया जाए।इस प्रशिक्षण से जुड़े प्रतिभागियों ने भी इसे बेहद उपयोगी बताते हुए कहा कि उन्हें रोग की पहचान, उपचार पद्धति, रोगी प्रबंधन और फॉलोअप जैसे तमाम पहलुओं पर गहन जानकारी प्राप्त हुई। गांव-गांव जाकर बालू मक्खी के प्रजनन क्षेत्रों की पहचान कर स्प्रे आदि की कार्रवाई की जा रही है।

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