पुंछ में जिस गुरुद्वारे को पाकिस्तान ने गोलाबारी से किया छलनी, राहुल गांधी ने वहां टेका माथा
लोकसभा में विपक्ष के नेता का पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए नृशंस आतंकवादी हमले के बाद से केंद्र शासित प्रदेश का यह दूसरा दौरा है। उस आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शनिवार को जम्मू-कश्मीर में पुंछ के दौरे पर गए। इस दौरान वह गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा भी पहुंचे, जो पाकिस्तानी गोलाबारी की चपेट में आ गया था। न्यूज एजेंसी एएनआई ने राहुल के गुरुद्वारा दौरे का वीडियो जारी किया है जिसमें वह माथा टेकते देखे जा सकते हैं। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा पुंछ में एलओसी के पास स्थित है। इस पर पाकिस्तानी सेना के हमले में रागी सिंह भाई अमरीक सिंह, अमरजीत सिंह, रंजीत सिंह और रूबी कौर की मौत हो गई थी। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इस हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय देश की रक्षा में चट्टान की तरह खड़ा है और इस अमानवीय कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने कहा था कि पाकिस्तान की कायराना हरकत सिखों को गुमराह नहीं कर सकती। दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने हमले को शर्मनाक बताते हुए गुरुद्वारा प्रबंधक से बातचीत के आधार पर इसकी निंदा की। अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने दोनों देशों से शांति और कूटनीतिक समाधान की अपील की। मालूम हो कि गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा पुंछ में सिख समुदाय का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां अरदास और सामुदायिक सेवा होती है। यह गुरुद्वारा स्थानीय सिखों के लिए आध्यात्मिक और सामाजिक केंद्र है। हमले में गुरुद्वारे को मामूली नुकसान हुआ था। उसका एक दरवाजा और कुछ शीशे टूट गए, लेकिन इसे भारी क्षति की अफवाहों को गुरुद्वारा प्रबंधक नरिंदर सिंह ने खारिज किया था।
पुंछ में पाकिस्तानी गोलाबारी के पीड़ितों से मिले राहुल गांधी
राहुल गांधी ने पुंछ में पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से सीमा पार से की गई गोलाबारी के पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने गोलाबारी से हुई क्षति को बड़ी त्रासदी बताया और पीड़ितों की व्यथा को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने का संकल्प लिया। राहुल ने पुंछ का दौरा किया और प्रभावित लोगों से एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत की। इनमें 7 मई से 10 मई के बीच हुई गोलाबारी में अपने सदस्यों को खोने वाले परिवार भी शामिल थे। राहुल गांधी ने कहा, ‘यह एक बड़ी त्रासदी है। कई लोगों की जान चली गई। उन्होंने आम नागरिकों के स्थानों पर हमला किया है। मैंने लोगों से बात की और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की। उन्होंने मुझसे उनके मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने को कहा है, जो मैं करूंगा।’