क्रिकेट ने आठ साल बाद करुण नायर को दिया एक और मौका, इंग्लैंड में होगी उनकी अग्निपरीक्षा
करुण नायर को अगले महीने इंग्लैंड दौरे के लिए 18 सदस्यीय भारतीय टीम में चुना गया है, जिससे उन्हें आठ साल बाद अपने करियर को नया मोड़ देने का मौका मिलेगा। कुछ साल पहले उन्होंने लिखा था कि डियर क्रिकेट मुझे एक और मौका दे दो।

करुण नायर ने 10 दिसंबर 2022 को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा था, ‘‘डियर क्रिकेट मुझे एक और मौका दो।’’ और 24 मई 2025 को क्रिकेट से उन्हें जवाब मिला, ‘‘डियर करुण, तुम्हें एक और मौका मिलेगा।’’ 33 वर्ष के करुण नायर को अगले महीने इंग्लैंड दौरे के लिए 18 सदस्यीय भारतीय टीम में चुना गया है, जिससे उन्हें आठ साल बाद अपने करियर को नया मोड़ देने का मौका मिलेगा।
करुण नायर ने भारत के लिए अपना पिछला टेस्ट मैच 2017 में खेला था। उन्हें भारत की ओर से दूसरा तिहरा शतक बनाने वाला खिलाड़ी बनने के तुरंत बाद टीम से बाहर कर दिया गया था। उनके आसपास की दुनिया को लगा था कि सारी उम्मीदें खत्म हो गई हैं, लेकिन नायर ने वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी। इसी उम्मीद ने उन्हें क्रिकेट खेलने के तरीकों पर लौटने के लिए मजबूर किया और इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में नॉर्थम्पटनशर टीम में शामिल होना इस ओर पहला समझदारी भरा कदम रहा।
नायर ने 2023 में नॉर्थम्पटनशर के लिए तीन मैच में 83 के औसत से 249 रन बनाए, जिसमें चैंपियन सर्रे के खिलाफ शतक भी शामिल था। एक साल बाद नायर ने 49 के औसत से सात मैच में 487 रन बनाए, जिसमें उनकी काउंटी टीम के लिए ग्लैमोर्गन के खिलाफ शतक भी शामिल था, लेकिन ये रन राष्ट्रीय स्तर पर वापसी के लिए काफी नहीं थे। हालांकि, उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए काफी थे।
करुण नायर ने पिछले साल पीटीआई से कहा था, ‘‘हर कोई जानता है, भारतीय बल्लेबाजों के लिए इंग्लैंड में जाकर रन बनाना मुश्किल है। इसलिए मैंने एक बल्लेबाज के तौर पर अपने बारे में बहुत कुछ सीखा है। मैंने रन बनाने के तरीके ढूंढने और खुद पर विश्वास करने के बारे में सीखा है। ’’ मगर उनके करियर में असली बदलाव कर्नाटक टीम को छोड़कर विदर्भ में आने के साथ आया, क्योंकि उनकी पूर्व की टीम में अंतिम एकादश में जगह बनाना मुश्किल हो रहा था।
विदर्भ को उस समय अपने बल्लेबाजी क्रम में एक अनुभवी खिलाड़ी की तलाश थी और उसने नायर का खुशी-खुशी स्वागत किया। दाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने भी अपनी नयी टीम को भी निराश नहीं किया और 10 मैच में दो शतक और तीन अर्द्धशतकों की मदद से 690 रन बनाए। नायर ने 2024-25 सत्र में एक और कदम ऊपर बढ़ाते हुए नौ मैच में 54 के औसत से चार शतकों की मदद से 863 रन बनाए। फिर बेंगलुरु के इस बल्लेबाज ने विजय हजारे ट्रॉफी वनडे टूर्नामेंट में सात मैच में पांच शतकों की बदौलत 779 रन बनाए, जिसमें उनका औसत 389.50 रहा।
फिर भारतीय टीम में उनके चयन का मुद्दा देश भर में बहस का विषय बन गया था। विदर्भ के कोच उस्मान गनी ने पीटीआई से कहा, ‘‘वह हमेशा यही करना चाहता था, रन बनाकर टीम इंडिया में वापसी करना। विदर्भ टीम के कैंप में पहले दिन से ही वह हमसे कहता था कि मेरे अंदर शीर्ष स्तर के क्रिकेट के तीन से चार साल और बचे हैं। यह खुशी की बात है कि वह आखिरकार इसे हासिल करने में सफल रहा। हम सभी को उस पर गर्व है।’’
नायर के शानदार प्रदर्शन ने विदर्भ को 2024-25 सत्र में रणजी ट्रॉफी जीतने में मदद की। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में नायर की असाधारण वापसी की बराबरी का एकमात्र उदाहरण वीवीएस लक्ष्मण का है जिन्होंने 1999 के घरेलू सत्र में शानदार प्रदर्शन की बदौलत राष्ट्रीय टीम में वापसी की थी। भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद लक्ष्मण ने रणजी ट्रॉफी में खेलते हुए नौ मैच में 108.8 के औसत से नौ शतकों की मदद से 1415 रन बनाए।
इसके बाद लक्ष्मण के करियर ने अगले एक दशक या इससे भी अधिक समय के लिए ‘वैरी वैरी स्पेशल’ (बहुत खास) मोड़ लिया। नायर भी इसी दौर से गुजर रहे हैं और इंग्लैंड में पांच मैच की टेस्ट श्रृंखला के दौरान उन्हें ऐसी चिर परिचित प्रतिद्वंद्वी का सामना करने का मौका मिलेगा जिसके खिलाफ उन्होंने तिहरा शतक बनाया था।