Bird Flu Threat Escalates in Gorakhpur Zoo Multiple Wildlife Infected गोरखपुर चिड़ियाघर के आठ वन्य जीवों में मिला बर्ड फ्लू, Gorakhpur Hindi News - Hindustan
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गोरखपुर चिड़ियाघर के आठ वन्य जीवों में मिला बर्ड फ्लू

Gorakhpur News - (पूर्व में जारी कौओं के संक्रमित मिलने की खबर के स्थान पर इसके इस्तेमाल का

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरSat, 24 May 2025 05:48 AM
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गोरखपुर चिड़ियाघर के आठ वन्य जीवों में मिला बर्ड फ्लू

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता गोरखपुर चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ने लगा है। शुक्रवार को आठ वन्य जीवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने से कुछ घंटे पहले विदेशी पक्षी काकाटेल की भी मौत हो गई। सुबह आई जांच रिपोर्ट में तीन कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई जबकि शाम को काकाटेल के अलावा बाघिन मैलानी, हिमालय गिद्ध और तेंदुआ के दो शावकों के नमूने पॉजिटिव मिले हैं। कौए चिड़ियाघर परिसर में मृत मिले थे। यह जांच भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान(एनआईएचएसएडी) में हुई है। इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद से हड़कंप मचा है।

सबसे ज्यादा चिंताजनक यह है कि बर्ड फ्लू का खतरा चिड़ियाघर के आसमान पर मंडरा रहा है। इससे चिड़ियाघर प्रशासन सकते में है। वन्य जीवों की सुरक्षा का चिंता बढ़ गई है। चिड़ियाघर के उपनिदेशक एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ योगेश प्रताप सिंह ने भी इसे स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को दो चरणों में भोपाल से सैम्पल की रिपोर्ट मिली है। चिड़ियाघर से पहले चरण में चार मृत मिले कौओं के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। उनमें से तीन में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। दोपहर में विदेशी पक्षी काकाटेल पक्षी की मौत हो गई। देर शाम को दूसरे चरण की रिपोर्ट में मृत काकाटेल का नमूना पॉजिटव मिला। इसके अलावा बाघिन, तेंदुआ के दो शावक और दुर्लभ प्रजाति का हिमालयन गिद्ध भी संक्रमित मिला है। इनकी सेहत पर नजर रखी जा रही है। बाघिन और हिमालयन गिद्ध की हालत कुछ चिंताजनक है। खतरे की जद में दूसरे वन्यजीव कौओं में बर्ड फ्लू (एविएन इन्फ्लूएंजा एच-5 एन-1) मिलने के बाद दूसरे वन्य जीव भी खतरे की जद में आ गए हैं। भोपाल स्थित एनआईएचएसएडी ने शुक्रवार को दो चरणों में रिपोर्ट भेजी। पहले चरण में कौओं की रिपोर्ट चिड़ियाघर प्रशासन को मिली। दूसरे चरण में बाघिन, काकाटेल, तेंदुआ और हिमालयन गिद्ध की रिपोर्ट मिली है। चिड़ियाघर प्रशासन अब मान रहा है कि ज्यादातर बाड़ों में मौजूद वन्यजीवों में संक्रमण फैल गया है। दरअसल, पक्षियों को छोड़ दें तो ज्यादातर बाड़े खुले हुए हैं। उनमें वन्यजीवों के आसपास कौआ मंडराते रहते हैं। कौओं की एंट्री रोकने का कोई भी इंतजाम अभी चिड़ियाघर प्रशासन के पास नहीं है, इसने उनकी चिंता को और बढ़ा दिया है। कौओं में बर्ड फ्लू का प्रसार कितना है, इसका भी कोई ठोस आंकड़ा विभाग के पास नहीं है। ऐसे में कुछ वन्यजीवों के बाड़े को टेंट व चादर से ढक दिया गया है। जिससे कौए वहां न बैठ सकें। पांच वन्यजीवों की हो चुकी है मौत चिड़ियाघर में डेढ़ माह के अंदर पांच वन्यजीवों की मौत हो चुकी है। 30 मार्च को पीलीभीत से रेस्क्यू कर लाए गए बाघ केसरी की मौत सबसे पहले हुई थी। इसके बाद पांच मई को मादा भेड़िया भैरवी, सात को बाघिन शक्ति और आठ मई को तेंदुआ मोना की मौत हुई थी। बाघिन शक्ति की मौत की वजह बर्ड फ्लू सामने आई है। इसी बीच यहां से बीमारी की हालत में कानपुर भेजे गए शेर पटौदी ने भी वहां दम तोड़ दिया। इसके बाद से ही पूरे प्रदेश में 27 मई तक चिड़ियाघर बंद है। शुक्रवार को काकाटेल पक्षी की मौत हो गई।

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