Dirty trick played to sell old car in Haridwar court gave strict decision हरिद्वार में पुरानी कार को बेचने के लिए चली गंदी चाल, कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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हरिद्वार में पुरानी कार को बेचने के लिए चली गंदी चाल, कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला

बार बार आग्रह करने के बाद भी तीनों ने क्लेम देने से मना कर दिया था। इसके बाद शिकायतकर्ता ने स्थानीय विक्रेता, सर्विस सेंटर और कंपनी को नोटिस भिजवाया लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। थक हारकर शिकायतकर्ता ने तीनों के खिलाफ आयोग की शरण ली थी।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, हरिद्वार, हिन्दुस्तानSat, 24 May 2025 10:44 AM
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हरिद्वार में पुरानी कार को बेचने के लिए चली गंदी चाल, कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला

जिला उपभोक्ता आयोग ने नई कार के बजाय धोखाधड़ी से पुरानी कार बेचने और स्क्रैच रिपयरिंग की रकम लेने के मामले में दि ओरियन्टल इंश्योरेंस कंपनी देहरादून और प्रतिनिधि को उपभोक्ता सेवा में कमी का दोषी ठहराया है। आयोग ने बीमा कंपनी को वाहन की कीमत 5.10 लाख रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से देने के आदेश दिए हैं।

इसके साथ ही बीस हजार रुपये क्षतिपूर्ति और वाद खर्च और 10 हजार रुपये अधिवक्ता फीस देने के आदेश दिए हैं। ज्वालापुर निवासी आयुष राजपूत ने इस बारे में आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। बताया कि डीडीपीएम ऑटोमोबाइल एलएलपी अजबपुर खुर्द, देहरादून से जनवरी 2017 में 6.02 लाख रुपये में चार पहिया वाहन खरीदा था।

बाद में पता चला कि वाहन एक वर्ष पहले बना हुआ है और उसे नई कार बताकर बेच दिया गया। आरोप लगाया कि बीमा पॉलिसी के बाद भी उससे स्क्रैच रिपयरिंग की धनराशि ली गई थी। वर्ष 2018 में नई बीमा पॉलिसी भी ली गई थी। इस पर फरवरी 2018 की रात वाहन दुर्घटना ग्रस्त होकर पूरी तरह खत्म हो गया था जबकि एयर बैग होने पर सभी लोग बच गए थे।

दुर्घटना की सूचना देकर वाहन विक्रेता के पास जमा करा दिया गया था। सर्विस सेंटर पर बीमा पॉलिसी दिखाने पर पता चला था कि बीमा कंपनी ने पॉलिसी गलत बना रखी है। बीमा कंपनी और सर्विस सेंटर ने कोरे कागज व खाली क्लेम फॉर्म पर उसके हस्ताक्षर करा लिए थे। इतना ही नहीं सर्विस सेंटर ने वाहन का रिपेयरिंग एस्टीमेट 14.04 लाख रुपये का बनाकर दिया था।

बार बार आग्रह करने के बाद भी तीनों ने क्लेम देने से मना कर दिया था। इसके बाद शिकायतकर्ता ने स्थानीय विक्रेता, सर्विस सेंटर और कंपनी को नोटिस भिजवाया लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। थक हारकर शिकायतकर्ता ने तीनों के खिलाफ आयोग की शरण ली थी।

इस मामले की सुनवाई के बाद आयोग अध्यक्ष गगन गुप्ता, डॉ अमरेश गुप्ता और रंजना गोयल ने दि ओरियन्टल इंश्योरेंस कंपनी देहरादून और स्थानीय प्रतिनिधि को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी ठहराया है। बीमा कंपनी को प्रश्नगत वाहन की कीमत 5.10 लाख रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से, क्षतिपूर्ति 20 हजार व वाद खर्च और अधिवक्ता फीस 10 हजार रूपये शिकायतकर्ता को देने करने के आदेश दिए हैं। वाहन विक्रेता/सर्विस सेंटर के विरुद्ध शिकायत निरस्त कर दी है।

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