बोले बस्ती : बिजली मिल रही गांव की, बिल आ रहा शहर का
Basti News - हर्रैया नगर पंचायत में बिजली कटौती की गंभीर स्थिति है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग नगरीय टैरिफ पर बिल चुका रहे हैं, जबकि उन्हें उचित बिजली आपूर्ति नहीं मिल रही है। इससे बच्चों की पढ़ाई और स्थानीय व्यापार...
Basti News : बस्ती जिले की सबसे बड़ी तहसील हर्रैया के मुख्यालय नगर पंचायत हर्रैया के कई वार्डों में बिजली आपूर्ति की स्थिति बदतर बनी हुई है। ग्रामीण विद्युत आपूर्ति के बावजूद नगरीय टैरिफ के हिसाब से बिल वसूली ने लोगों का गुस्सा भड़का दिया है। अनियमित बिजली कटौती से बच्चों की पढ़ाई, घरेलू कामकाज और स्थानीय व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। आक्रोशित निवासियों के धरना-प्रदर्शन और अधिकारियों के चक्कर काटने के बावजूद समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा, केवल आश्वासनों का सिलसिला जारी है। आखिर, बिजली विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा आम जनता को कब तक भुगतना पड़ेगा? ‘हिन्दुस्तान की ओर से आयोजित बोले बस्ती अभियान के तहत इन वार्डों के लोगों ने विभाग से यह सवाल किया।
नगर पंचायत हर्रैया का शुमार जिले की पुरानी नगर पंचायत में किया जाता है। वर्ष 2020 में लोगों की मांग को देखते सीमा विस्तार किया गया। नगर पंचायत की सीमा विस्तार में आसपास के सिसई, भदासी, महूघाट, करमडाड, रेऊआ बाबू, देबया गंगाराम, थानाखास, जिवधरपुर, खम्हरिया गांव का संपूर्ण भाग व गंगाराम और तेनुआ गांव का आंशिक भाग नगर पंचायत में शामिल किया गया। इन गांवों के नगर पंचायत में जुड़ने के बाद से स्थानीय निकाय प्रशासन की ओर से वहां पर सड़क, पानी और नाली आदि का काम शुरू कराया गया। नवीन सम्मिलित क्षेत्रों में नगर निकाय की बिजली आपूर्ति की सुविधा के लिए नगर पंचायत की ओर से प्रयास शुरू किया गया। लगभग चार साल के लंबे इंतजार के बाद नगर पंचायत की ओर से बिजली विभाग से इस्टीमेट तैयार कराया गया। नगर पंचायत ने इस्टीमेट के आधार पर तैयार बजट नगर पंचायत के खाते में स्थानांतरित भी कर दिया। लेकिन लगभग एक साल का वक्त गुजर जाने के बाद भी नए क्षेत्र के लोग नगर पंचायत की बिजली आपूर्ति की सुविधा से वंचित हैं। नगर पंचायत के जिन क्षेत्रों को ग्रामीण फीडर से बिजली की आपूर्ति की जा रही है। लोग इन दिनों हो रही भीषण कटौती से परेशान हैं। मोहल्लेवासियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में महज 18 घंटे ही बिजली आपूर्ति का प्रावधान है। मौजूदा व्यवस्था में 12-14 घंटे बिजली मिलना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों की हालत पहले से ही काफी बदतर है। ग्रामीण फीडर के पॉवर ट्रांसफॉर्मर से लेकर वितरण वाले ट्रांसफॉर्मर तक ओवरलोडेड रहते हैं। अधिकांश लाइनें जर्जर हैं, जिससे गर्मी बढ़ने पर तार टूटने व ट्रांसफॉर्मर फुंकने की घटनाएं काफी ज्यादा होती हैं। फॉल्ट आने पर मरम्मत समय से नहीं होती है। इसके अलावा गर्मी के समय बिजली की ट्रिपिंग की समस्या आम बात है। पड़ोस में रहने वाले जिन घरों को नगर पंचायत की आपूर्ति हो रही है, वहां तो सप्लाई रहती है, लेकिन नवीन शामिल क्षेत्र की बिजली गुल रहती है। क्षेत्र के अखिलेश उपाध्याय, बदलू प्रसाद, सुगंध उर्फ पिंटू, विशालकांत पांडेय, बालेंदर भूषण पांडेय का कहना है कि नगरीय क्षेत्र में शामिल होने के बावजूद हम लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति मिल रही है। धन लेने के बाद काम कराना भूल गया विभाग : नगर पंचायत हर्रैया की ओर से बिजली विभाग को नवीन शामिल क्षेत्रों में विद्युतीकरण कार्य के लिए मांग के अनुरूप 98 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इस धन से लाइनों का निर्माण कर, नए ट्रांसफार्मर लगाकर नवीन क्षेत्र को नगरीय बिजली से जोड़ना था। विभाग ने धन मिलने के बाद बिजली का पोल लगवाया तथा कई जगहों पर तार भी दौड़ा दिया। जिन क्षेत्रों में लाइन बन गई वहां तो नगरीय लाइन से जोड़ दिया गया, लेकिन जहां काम अधूरा है, वहां के लोगों को ग्रामीण बिजली ही मिल रही है। अभी भी करमडाड, थानहाखास, भदासी सहित कई अन्य गांव में केवल पोल ही गाड़ा जा सका है, तार नहीं दौड़ाया गया है। इन क्षेत्रों में क्षमता वृद्धि के लिए ट्रांसफार्मर भी नहीं लगाया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की ओर से काम ठप कर दिया गया है। लोगों को नगरीय बिजली की प्रतीक्षा है। बिजली कटौती से बच्चों की पढ़ाई पर असर नगर पंचायत के नवीन क्षेत्रों में बिजली कटौती के कारण बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। स्कूलों से लेकर घरों तक, बिजली की अनियमित आपूर्ति ने छात्रों और अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ा दी है। इस क्षेत्र में परिषदीय और निजी स्कूल संचालित हैं, जहां ग्रामीण बिजली आपूर्ति होती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल के समय बिजली अक्सर गुल रहती है, जिससे बच्चों को भीषण गर्मी में पढ़ाई करनी पड़ती है। घर लौटने पर भी स्थिति बेहतर नहीं है। शाम को बिजली की आवाजाही शुरू होती है, जो देर रात तक चलती रहती है। इससे बच्चों का होमवर्क और स्व-अध्ययन बाधित होता है। अभिभावक रमेश यादव और विनायक पटेल का कहना है कि अगर इन क्षेत्रों में नगरीय बिजली आपूर्ति शुरू हो जाए, तो बच्चों को पढ़ाई में काफी सहूलियत मिलेगी। मोहल्ले के दुकानदारों को हो रही समस्या बिजली कटौती के कारण मोहल्ले के दुकानदारों को समस्या हो रही है। हालत यह है कि फ्रिज में रखा सामान खराब हो जा रहा है। दुकानदारों का कहना है कि गर्मी के दिनों में पेय पदार्थ, बोतलबंद पानी की मांग बढ़ जाती है। इसे बेचकर दुकानदार चार पैसा कमा लेते हैं। लगातार हो रही बिजली कटौती के कारण फ्रिज में रखी बोतल ठंडी नहीं हो पाती है। ग्राहक दूसरी दुकानों पर चले जाते हैं, जिनके पास जेनरेअर की व्यवस्था है। बिजली के अभाव में और दूसरा कोई कारोबार पनप नहीं पा रहा है। अगर नगरीय क्षेत्र से हमारे मोहल्लों को जोड़ दिया जाए तो क्षेत्र में पर्याप्त बिजली मिलने लगेगी। उपभोक्ताओं ने किया था उपकेंद्र का घेराव बिजली कटौती से परेशान उपभोक्ताओं ने पूर्व में विद्युत उपकेंद्र हर्रैया का घेराव किया था। लगातार 15 घंटे तक बिजली नहीं आने से उपभोक्ताओं का धैर्य जवाब दे गया था। उन्होंने 31 मार्च को उपकेंद्र का घेराव कर बाकायदा प्रदर्शन किया था। इस क्षेत्र में ग्रामीण बिजली की सप्लाई के कारण यह समस्या हुई थी। उस समय अधिकारियों ने उपभोक्ताओं को समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया था। अधिकारियों के आश्वासन पर नाराज उपभोक्ता मान गए थे, लेकिन इसके बाद भी बिजली की बदहाली जारी है। पौराणिक स्थलों पर भी नहीं रहती है बिजली हर्रैया नगर पंचायत के पौराणिक स्थलों पर बिजली नहीं रहती है। इससे वहां आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हो रही है। नगर पंचायत के वार्ड नंबर-एक थानेश्वर नगर में पौराणिक बाबा थानेश्वरनाथ शिव मंदिर है, यहा महाशिवरात्रि पर मेला लगता है। इसके अलावा रामजानकी मंदिर भी नगर पंचायत क्षेत्र में आता है। यहां पर श्री रामदरबार का मंदिर है। यहां पर सावन मास में अनुष्ठान व जेठ मास में सुंदर कांड पाठ का आयोजन होता है। आज भी यहां पर ग्रामीण क्षेत्र की बिजली मिलती है। शिकायतें -नगर पंचायत में शामिल होने के बाद भी गांव की बिजली मिल रही है। कम बिजली मिलने से काफी समस्या हो रही है। -बिजली नहीं आने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। शाम से ही बिजली की कटौती शुरू हो जाती है। बच्चों का होमवर्क तक पूरा नहीं हो पा रहा है। - बिजली नहीं होने से सड़क पर अंधेरा रहता है। रात के समय घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। रात के समय निकलने पर डर लगा रहता है। -बिजली नहीं होने से घरों में पानी को लेकर हाहाकार मचा रहता है। पानी की टंकियां सूख जाती हैं। दैनिक दिनचर्या भी बिना पानी के प्रभावित होती है। - बिजली नहीं होने से प्रभावित क्षेत्रों में व्यवसाय नहीं पनप रहा है। जो लोग दुकानें खोले हुए हैं, उनका भी बुरा हाल है। ठंडी बोतल बंद पानी, कोल्ड ड्रिंक आदि खरीदने के लिए लोगों को दूर जाना पड़ता है। --- सुझाव -नगर पंचायत के लिए बन रही लाइन का तेजी से निर्माण कराते हुए बचे हुए क्षेत्र को भी नगरीय बिजली से जोड़ दिया जाए। - नगर पंचायत की बिजली आपूर्ति के साथ इस बात पर ध्यान दिया जाए कि शेड्यूल के अनुसार लोगों को बिजली मिले, इससे समस्या का समाधान होगा। - नगर पंचायत की ओर से बिजली के पोल व सार्वजनिक जगहों पर पथ प्रकाश की व्यवस्था कराई जाती है। अगर बिजली की आपूर्ति रहती है तो सड़क व गलियों में रोशनी रहेगी। - नगर पंचायत की बिजली मिलना शुरू हो जाएगी तो पानी की भी समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। भरपूर बिजली मिलने पर घरों में पानी उपलब्ध रहेगा। - नगर पंचायत क्षेत्र में 22 घंटे से ज्यादा बिजली मिलती है। इसके अलावा ट्रिपिंग व ओवरलोडिंग की समस्या भी कम होती है। नगर पंचायत से बिजली जुड़ने के बाद दुकानों को भी पर्याप्त मात्रा में बिजली मिलने लगेगी। हमारी भी सुनें नगर पंचायत में हमारा क्षेत्र शामिल होने के बाद उम्मीद बढ़ गई थी कि अब हमारे वार्ड में भी शहरों जैसी सुविधा होगी। सबसे बड़ी समस्या बिजली की है। नगरीय बिजली मिलने की उम्मीद से हम सभी लोग बेहद खुश थे। चार साल के इंतजार के बाद भी गांव की ही बिजली मिल रही है। राजेश सिंह यह हमारे सिस्टम की खराबी है कि समय पर काम पूरा नहीं होता है। यही हाल बिजली विभाग का है। नगर पंचायत की ओर से बताया जा रहा है कि नई लाइन बनाने के लिए पूरा बजट बिजली विभाग को दे दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी काम अधूरा है। रामबक्श सिंह हर काम के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए। हमारे यहां काम समय पर पूरा नहीं होना एक सामान्य बात है। कहने को हम लोग नगर पंचायत में हैं, लेकिन आज भी गांववाले युग में ही रह रहे हैं। हालत यह है कि घंटों मोहल्ले की बिजली गुल रहती है। रिंकू वर्मा बिजली नहीं होने से इस क्षेत्र में व्यवसाय नहीं पनप पा रहा है। हालत यह है कि दुकान तक नहीं चल पा रही है। पूरे-पूरे दिन बिजली नहीं होना तथा शाम होने के साथ ही ट्रिपिंग व फॉल्ट आने की समस्या एक सामान्य बात है। दुकान की फ्रिज काम नहीं करती है। बदलू प्रसाद बिजली गुल होने के साथ ही घर से लेकर सड़क तक पर अंधेरा छा जाता है। अंधेरे के कारण घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। यहां पर लगता ही नहीं है कि हम किसी नगर पंचायत में रह रहे हैं। बिजली की पर्याप्त आपूर्ति जरूरी है। समयदीन जिले की सबसे बड़ी तहसील का यह मुख्यालय है। यहां पर बस्ती शहर के बाद सबसे ज्यादा सुविधाएं होनी चाहिए, इसके विपरीत यहां पर बुनियादी सुविधाएं ही नहीं मिल पा रही हैं। यहां जो लोग रह रहे हैं वह बिजली की बेतहाशा कटौती से परेशान होते हैं। राजेंद्र प्रसाद हर्रैया नगर पंचायत में तहसील व अन्य तहसील स्तरीय कार्यालय हैं। इसी के साथ नगर पंचायत का दिन-प्रतिदिन विकास की बात की जा रही है। हर्रैया को जिला बनाने की चर्चा की जा रही है। इसके विपरीत यहां हाल यह है कि अभी पूरी नगर पंचायत में बिजली तक की व्यवस्था ठीक नहीं है। सूरज पटेल बिजली नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। हालत यह है कि शाम के समय जब बच्चे किताबें लेकर बैठते हैं तो बिजली गुल हो जाती है। बिजली नहीं होने पर पढ़ाई बंद करनी पड़ती है। बिजली नहीं होने से बच्चे होमवर्क तक पूरा नहीं कर पाते हैं। सुशील बिजली जाने के बाद सोना मुश्किल हो जाता है। गर्मी के कारण कमरे में रहना मुश्किल हो जाता है, जबकि बाहर आने पर मच्छर परेशान करते हैं। यही नहीं अंधेरे में मच्छरों के कारण उठना बैठना तक मुश्किल हो जाता है। विद्युत व्यवस्था सुधरने पर आराम मिल सकेगा। सिद्धनाथ पटेल बिजली की बेतहाशा कटौती से पानी की बड़ी समस्या हो रही है। इस समय ज्यादातर घरों में पानी के लिए लोगों ने टुल्लू या पंप लगा रखा है। देर तक बिजली नहीं आने पर पानी की टंकी सूख जाती है। पानी के अभाव में खाना-पानी से लेकर अन्य दिनचर्या प्रभावित होती है। रोहित गौड़ बिजली का हाल यह है कि कभी-कभी पूरी रात बिजली नहीं आती है। रात के समय बिजली कटौती से सबसे ज्यादा समस्या बच्चों व महिलाओं को होती है। अंधेरे में नींद पूरी नहीं हो पाती है, जिससे बच्चों में बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। अखिलेश उपाध्याय ग्रामीण अंचल की बिजली की आपूर्ति जर्जर तार से की जा रही है। आए दिन तार टूटकर गिर जा रहे हैं। भीषण गर्मी में यहां के लोगों का जीना हराम हो गया है। विद्युतीकरण कार्य अभी अधूरा पड़ा है। बिजली विभाग विद्युतीकरण कार्य में सुस्ती दिखा रहा है। सूर्य कुमार सहाय इस भीषण गर्मी में लो वोल्टेज की समस्या से सभी लोग काफी परेशान हैं। नई लाइन के लिए विद्युत पोल लगा दिया गया है। अभी तक उस पोल पर तार नहीं दौड़ाया गया है। नगरीय सीमा में होने के बाद भी हम लोग नगरीय बिजली से अभी तक वंचित हैं। आशीष उर्फ राहुल श्रीवास्तव विद्युत विभाग तीन माह से अधिक समय से नए सिरे से विद्युतीकरण का कार्य करा रहा है। कार्य जिस गति से चल रहा है, उससे लगता है कि अभी काफी समय लगेगा। अभी तक हमारे क्षेत्र में बिजली का पोल तक नहीं लगाया गया है। भीषण गर्मी में बिजली की कटौती से लोग बेहाल हैं। बालेंद्र पांडेय चार वर्ष पहले नगर पंचायत हर्रैया में हमारे गांव को शामिल कर लिया गया था। चार साल बाद भी अभी तक शहरी बिजली का लाभ नहीं मिल रहा है। गर्मी के समय में सबसे ज्यादा समस्या हो रही है। बार-बार की कटौती से सभी उपभोक्ता त्रस्त हैं। लोगों में आक्रोश भी है। सुगंध उर्फ पिंटू बोले जिम्मेदार नगर पंचायत में शामिल गांवों में पोल लगाने का काम पूरा किया जा चुका है। काफी जगहों पर पोल पर तार भी दौड़ा दिया गया है। जहां पर काम पूरा हो चुका है, उन क्षेत्रों को नगर पंचायत की बिजली से जोड़ भी दिया गया है। विस्तारित क्षेत्र के गांवों में विद्युतीकरण का कार्य अनवरत चल रहा है। त्यागी पांडेय, ठेकेदार, पॉवर कॉरपोरेशन नगर पंचायत में शामिल गांवों को अभी तक ग्रामीण बिजली मिल रही थी। अब इन गांवों को नगरीय बिजली से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। विद्युतीकरण कार्य में तेजी लाने के लिए ठेकेदार को निर्देशित किया गया है। इसी के साथ अधिकारियों से इसकी मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। विद्युतीकरण कार्य काफी क्षेत्र में पूरा कर वहां नगरीय विद्युत आपूर्ति को चालू भी करा दिया गया है। जो गांव बचे हैं, उनमें जल्द ही काम पूरा करा दिया जाएगा। अजय मौर्य, अधिशाषी अभियंता विद्युत, हर्रैया बिजली विभाग की मनमानी के कारण विस्तारित क्षेत्र में विद्युतीकरण का कार्य पूरा नहीं हो सका है। लगभग डेढ़ वर्ष पहले बिजली विभाग की ओर से तैयार किए गए 98 लाख के इस्टीमेट के अनुरूप पूरी राशि जमा करा दी गई थी। काम पूरा कराने के लिए कई बार अधिकारियों से पत्राचार किया गया लेकिन इसके बाद भी काम पूरा करने में विलम्ब किया जा रहा है। अगर काम अविलंब पूरा नहीं होता है तो इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की जाएगी। कौशलेन्द्र प्रताप सिंह ‘राजू, अध्यक्ष, नगर पंचायत, हर्रैया
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