बर्ड फ्लू का खौफ: मुर्गी फार्म बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर लगी पाबंदी
Deoria News - देवरिया में बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे से ब्रायलर और मुर्गी फार्म संचालक चिंतित हैं। पशुपालन विभाग ने फार्मों को सेनिटाईज करने और बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। बाजार में मुर्गे के मीट...

देवरिया, निज संवाददाता। बर्ड फ्लू का भय ब्रायलर व मुर्गी फार्म संचालको को सताने लगा है, जिसके लिए फार्मो पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। पशुपालन विभाग के निर्देश पर फार्मों का लगातार सेनिटाईजेशन किया जा रहा है। वहीं फार्म मालिक फार्मों में बाहरी व्यक्तियों को प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं, केवल फार्म कर्मी ही अंदर जा रहे हैं। बर्ड फ्लू की दहशत बढ़ने के बाद बाजारों में मुर्गे के मीट के बिक्री में भी कमी देखी जा रही है, हालांकि मीट के रेट पर इसका कोई असर नही है। गोरखपुर के चिड़ियाघर में पखवारे भर पहले एक बाघिन की बर्ड फ्लू से मौत के बाद अब कौओं में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है।
जिसके बाद जिले में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। पशुपालन विभाग के निर्देश पर सभी अण्डा व ब्रायलर फार्मों में लगातार सेनिटाईजेशन कराया जा रहा है, वहीं फार्मो में मौजूद पक्षियों की विशेष निगरानी रखी जा रही है। फार्म में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर फार्म मालिकों ने पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा रहा है, फर्मों में पक्षियों को दाना डालने, अण्डा निकालने व पक्षियों की निगरानी रखने वाले कर्मी ही प्रवेश कर रहे हैं। वहीं बाहर से आने के बाद फार्म कर्मियों को भी नहाने और उसके बाद कपड़े बदलने के साथ ही अंदर प्रवेश करते समय अपने जूते या चप्पल को सेनिटाइज करने के बाद ही अंदर प्रवेश करने का निर्देश दिया है। वहीं बर्ड फ्लू जांच के लिए फार्मो से 272 नमूने अब तक लैब में भेजे जा चुके हैं। जांच के लिए मुर्गियों के नाक, मुंह के स्त्राव और बीट का नमूना लिया गया है। वहीं बाजारों में मुर्गे के मीट के बिक्री में इन दिनों थोड़ी कमी भी आई है, लेकिन दुकानदार इसको बर्ड फ्लू का कारण नही मान रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि मुर्गे के मीट का रेट कम नही हुआ है, बिक्री लगन का समय व गर्मी के कारण थोड़ी कम जरूर है। बोले ब्रायलर फार्म संचालक ब्रायलर फार्म संचालक विक्की सिंह ने बताया कि अपने यहां अभी बर्ड फ्लू जैसी कोई बात नही है। मुर्गे के मीट के रेट में वृद्धि का कारण यह हो सकता है कि ठंडी के अपेक्षा गर्मियों में मुर्गे अधिक तापमान के कारण बाडी वेट नहीं ले पाते हैं, जिससे मुर्गों के वजन कमी देखी जाती है और उत्पादन कम होता है, जो कई बार रेट में वृद्धि का कारण हो जाता है। बर्ड फ्लू को लेकर डीएम ने दिए निर्देश बर्ड फ्लू को लेकर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने जिले के सभी संबंधित अधिकारियों को अलर्ट मोड में कार्य करने तथा रोकथाम एवं नियंत्रण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिले में संचालित सभी पोल्ट्री फार्मों की अद्यतन सूची तैयार की जाए, जिसमें पक्षियों की संख्या, आपूर्ति के स्रोत तथा मुख्यालय से दूरी का स्पष्ट विवरण हो और आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई संभव हो सके। निर्देश दिया है कि पोल्ट्री इकाइयों, पोल्ट्री दुकानों, बाजारों, प्रवासी पक्षियों के ठहराव स्थलों, जलाशयों, वन क्षेत्रों तथा अंतर्राज्यीय सीमाओं से लगे क्षेत्रों में सघन सर्विलांस किया जाए। कुक्कुट पालकों से सतत संपर्क स्थापित कर पक्षियों में किसी भी बीमारी या अचानक मृत्यु की सूचना तत्काल विभाग को दी जाए। जहां पोल्ट्री इकाइयों की संख्या अधिक है, वहां विशेष सतर्कता बरती जाए। संदिग्ध रोगग्रस्त या मृत पक्षियों के सैम्पल राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल भेजे जाएं और इसकी सूचना भारत सरकार को भी दी जाए। जिले में पक्षियों की आकस्मिक मृत्यु की सूचना मिलने पर मुख्य पशुचिकित्साधिकारी द्वारा मौके पर निरीक्षण किया जाए और पीपीई किट का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाए। आपात स्थिति से निपटने के लिए कंट्रेाल रूम स्थापित बर्ड फ्लू से आपात स्थिति में निपटने के लिए राजकीय पशु चिकित्सालय में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जिसका दूरभाष नंबर 0522-2741991 एवं 0522-2741992 हैं। जबकि कंट्रेाल रूम के प्रभारी डॉ. उपेन्द्र कुमार सिंह को बनाया गया है, उनका मोबाइल नं. 9415833790 हैं। इसके अतिरिक्त डॉ. राजेन्द्र प्रसाद अपर निदेशक ग्रेड-1 (कुक्कुट एवं अन्य विकास), मुख्यालय एवं स्टेट नोडल अधिकारी (बर्ड फ्लू) से मोबाइल नंबर 9412564412 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त राज्य स्तर पर भी कंट्रोल रूम एवं नोडल अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है।
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