चीफ जस्टिस गवई ने कहा कि चिंता की बात यह है कि कई बार अदालत की सुनवाई में कही गई बातों को गलत ढंग से पेश किया जाता है। उन्होंने कहा कि जब से कोर्ट की सुनवाई वर्चुअल माध्यमों पर दिखने लगी है, तब से ऐसी चीजों में इजाफा हुआ है।
याचिका में कहा गया कि SC के आदेश की अवमानना हुई है, क्योंकि सरकार ने छत्तीसगढ़ सहायक सशस्त्र पुलिस बल अधिनियम, 2011 पारित किया, जो माओवादी/नक्सल हिंसा से निपटने में सुरक्षाबलों की सहायता के लिए एक सहायक सशस्त्र बल को अधिकृत करता है तथा मौजूदा SPO को सदस्य के रूप में शामिल करके उन्हें वैध बनाता है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू सहमति बनाने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उनका कहना है कि यह राजनीतिक मामला नहीं है। ऐसे में किसी भी तरह के मतभेद की जरूरत नहीं है। न्यायपालिका से जुड़ा यह एक गंभीर मसला है, जिस पर सभी को एकजुट होकर फैसला करना चाहिए।
नियुक्तियों से संबंधित फाइलें बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास पहुंचीं थीं जिसके बाद उन्हें मंजूरी मिल गई है। उनकी नियुक्तियों के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 हो गई।
अपीलकर्ता की उम्र कथित अपराध के समय 23 साल थी। उसपर शादीशुदा महिला ने आरोप लगाए थे कि शादी का झूठा वादा कर शारीरिक संबंध बनाए गए थे। खास बात है कि महिला उस समय पति से अलग रह रही थी, लेकिन तलाक नहीं हुआ था।
ज्यसभा में यदि 50 या उससे ज्यादा सदस्य महाभियोग प्रस्ताव लाने का समर्थन करें तभी उसे पेश किया जाता है। इसी तरह लोकसभा में कम से कम 100 सांसदों की मांग पर ही ऐसा प्रस्ताव आता है। दोनों ही सदनों में सरकार के पास बहुमत है।
इस दौरान वकील ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए सुनवाई फिलहाल स्थगित की जाए। इसपर पीठ ने वरिष्ठ अधिवाक्तों को यह सलाह दी है।
भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने जांच रिपोर्ट की एक प्रति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश के साथ भेजी थी।
SC की पीठ ने हाल ही में कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की सावरकर पर की गई टिप्पणी पर सख्त आपत्ति जताई थी। जानिए ताजा मामला क्या है?
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तीन नए न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त करने की सिफारिश की है। इनमें दो न्यायाधीश अपने-अपने हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की भूमिका में हैं, जबकि एक बॉम्बे हाई कोर्ट में कार्यरत है।