जूनियर वकीलों को भी मौका दें; सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दी दिग्गज अधिवक्ताओं को ऐसी सलाह
इस दौरान वकील ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए सुनवाई फिलहाल स्थगित की जाए। इसपर पीठ ने वरिष्ठ अधिवाक्तों को यह सलाह दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को देश के दिग्गज वकीलों को एक सलाह दी है। पीठ ने कहा कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ताओं को अपने-अपने केस में बहस नहीं करनी चाहिए। इसकी जगह जूनियर वकीलों को मौका देना चाहिए। न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि अवकाशकाल में जूनियर वकीलों को आगे आने का अवसर मिलना चाहिए। पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं मुकुल रोहतगी, अभिषेक मनु सिंघवी और नीरज किशन कौल से स्पष्ट रूप से कहा, "इन आंशिक कार्य दिवसों के दौरान वरिष्ठ वकीलों को बहस नहीं करनी चाहिए।"
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के आदेश के खिलाफ दायर की गई एक याचिका के दौरान एक जूनियर वकील सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष पेश हुए। इस दौरान वकील ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए सुनवाई फिलहाल स्थगित की जाए। इसपर पीठ ने वरिष्ठ अधिवाक्तों को यह सलाह दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पारंपरिक 'ग्रीष्मकालीन छुट्टियों' को अब आंशिक कोर्ट कार्य दिवस (Partial Court Working Days) का नाम दिया है। यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट नियमावली, 2013 में संशोधन के बाद लाया गया है। इसे अब सुप्रीम कोर्ट (द्वितीय संशोधन) नियम, 2024 के नाम से जाना जाएगा। यह संशोधन 5 नवंबर 2024 को अधिसूचित किया गया था।
आंशिक कार्य दिवसों की अवधि और अवकाश की संख्या मुख्य न्यायाधीश द्वारा तय की जाएगी, जो राजपत्र के जरिए अधिसूचित की जाएगी। रविवार को छोड़कर यह कुल 95 दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिए।
नए नियमों में अब 'वेकेशन जज' शब्दावली को हटाकर केवल 'जज' (Judge) कर दिया गया है। पहले की व्यवस्था के अनुसार, गर्मी और सर्दी की छुट्टियों में सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह बंद नहीं रहता था। तत्काल मामलों की सुनवाई के लिए "वेकेशन बेंच" गठित की जाती थी।
सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में प्रकाशित 2025 कैलेंडर के अनुसार, आंशिक न्यायालय कार्य दिवस 26 मई 2025 से शुरू होकर 14 जुलाई 2025 तक चलेंगे।