यूपी के इस जिले में मिल सकता है यूरेनियम का भंडार, 5 साल से खोज में लगे परमाणु ऊर्जा विभाग ने दिए संकेत
सोनभद्र में जल्द ही यूरेनियम का भंडार मिल सकता है। परमाणु ऊर्जा विभाग से इसके संकेत भी मिलने लगे हैं। विभाग पिछले पांच वर्ष से म्योरपुर के कुदरी पहाड़ी में यूरेनियम की खोज में लगा हुआ है।

सोनभद्र में जल्द ही यूरेनियम का भंडार मिल सकता है। परमाणु ऊर्जा विभाग से इसके संकेत भी मिलने लगे हैं। विभाग पिछले पांच वर्ष से म्योरपुर के कुदरी पहाड़ी में यूरेनियम की खोज में लगा हुआ है। लगभग 100 टन यूरेनियम मिलने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में यूपी के ललितपुर के बाद सोनभद्र यूरेनियम उत्पाद का बड़ा केंद्र बन सकता है। प्राकृतिक खनिज संपदाओं से भरपूर सोनभद्र 180 करोड़ वर्ष पूर्व की स्लेटी चट्टानों, 160 करोड़ वर्ष पूर्व के फासिल्स के रूप में पहले ही अपनी पहचान बना चुका है। अब यूरेनियम भंडार मिलने से दुनिया भर में और साख बढ़ेगी। पिछले पांच सालों से ज्यादा शोध और अध्ययन में लगे परमाणु ऊर्जा विभाग के वैज्ञानिकों को कुदरी के आजनगिरा की पहाड़ियों में यूरेनियम हाथ लगा है।
परमाणु ऊर्जा विभाग ने इसके संकेत दिए हैं, लेकिन अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस पहाड़ी में लगभग 100 टन से ज्यादा मात्रा में यूरेनियम है। इसी तरह जीएसआई लखनऊ की टीम ने चोपन ब्लॉक के हर्रा के पहाड़ियों में भी यूरेनियम मिलने के संकेत तीन साल पहले दिए थे। कुदरी में परमाणु ऊर्जा विभाग की टीम पिछले पांच साल से लगातार कैंप कर आस-पास जांच पड़ताल और खोदाई में लगी है। अगर यूरेनियम की मात्रा पर्याप्त मिली तो यूपी के ललितपुर के बाद सोनभद्र भी यूरेनियम के उत्पाद का बड़ा केंद्र बन जाएगा। विभागीय सूत्रों ने बताया कि अभी तक के जांच में साबित हो चुका है कि यहां यूरेनियम है और इस पर तेजी से काम किया जा रहा है।
एयरो मैग्नेटिक सिस्टम और हेलीकॉप्टरों का हो रहा उपयोग
म्योरपुर के कुदरी गांव में सात साल पहले भारत सरकार ने एयरोमैग्नेटिक सिस्टम के जरिए हेलीकॉप्टर से भी खनिज संपदा की जांच कराई थी। बीएचयू के भू वैज्ञानिक प्रख्यात शोधकर्ता डॉ. वैभव श्रीवास्तव का कहना है कि यह सिस्टम अधिकतम गहराई तक खनिजों का पता लगा लेता है। इससे काफी नीचे मौजूद खनिजों को खोजने में काफी आसानी होती है। हाल के कुछ दिनों तमें भी इसका उपयोग किया गया है।
चमकदार, चांदी-भूरे रंग की रेडियोधर्मी धातु है यूरेनियम
भूतत्व एवं खनन विभाग सोनभद्र के भूवैज्ञानिक अनुज कुमार की मानें तो यूरेनियम चमकदार और चांदी की तरह भूरे रंग का होता है। यह रेडियोधर्मी धातु है। इसका उपयोग परमाणु ऊर्जा, सैन्य उपकरणों में होता है। यह विश्व की काफी महंगी धातु मानी जाती है।
ऊर्जा, सैन्य और चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत उपयोगी
जानकारों की माने तो यूरेनियम एक कठोर धातु है। परमाणु ऊर्जा बनाने में इसका प्रयोग होता है। यही नहीं युद्ध में प्रयोग होने वाले मिसाइलों तथा तोपों में भी इसका प्रयोग होता है। बिजली बनाने में भी यह अहम है। एक किलो यूरेनियम से लगभग 24 वॉट तक बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के भू वैज्ञानिक अनुज कुमार ने बताया, सोनभद्र में यूरेनियम मिलने की अभी कोई अधिकारिक जानकारी नहीं है। परमाणु ऊर्जा विभाग कई वर्षों से म्योरपुर के कुदरी में यूरेनियम की खोज में लगा हुआ है।