अन्नामलाई का भविष्य, AIADMK के साथ गठबंधन; कई मायनों में खास है शाह का तमिलनाडु दौरा
- पिछले कुछ हफ्तों से बीजेपी और एआईएडीएमके के बीच गठबंधन की संभावनाएं सुर्खियों में हैं। मार्च में पलानीस्वामी ने नई दिल्ली में शाह से मुलाकात की थी।

केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अमित शाह की तमिलनाडु यात्रा ने राज्य के सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। गुरुवार देर रात चेन्नई पहुंचे शाह की इस दो दिवसीय यात्रा को 2026 में होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनावों की तैयारियों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। खास तौर पर बीजेपी और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के बीच गठबंधन की संभावनाओं को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं।
शाह का व्यस्त कार्यक्रम, गठबंधन पर होगी बात?
अमित शाह शुक्रवार को चेन्नई में कई महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, उनकी मुलाकात एआईएडीएमके के महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस), पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष मुनिस्वामी थंबिदुराई और अन्य वरिष्ठ नेताओं से हो सकती है। इसके अलावा, शाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक एस. गुरुमूर्ति और बीजेपी की तमिलनाडु इकाई के नेताओं के साथ भी चर्चा करेंगे। इन बैठकों में तमिलनाडु में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को मजबूत करने और गठबंधन की रणनीति पर विचार-विमर्श होने की संभावना है।
बीजेपी-एआईएडीएमके गठबंधन की अटकलें
पिछले कुछ हफ्तों से बीजेपी और एआईएडीएमके के बीच गठबंधन की संभावनाएं सुर्खियों में हैं। मार्च में पलानीस्वामी ने नई दिल्ली में शाह से मुलाकात की थी, जिसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों पार्टियां 2026 के चुनावों में एक साथ आ सकती हैं। हालांकि, एआईएडीएमके ने बार-बार कहा है कि उनकी ओर से कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है, लेकिन शाह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में संकेत दिया था कि दोनों दलों के बीच चर्चा चल रही है।
2019 और 2021 के चुनावों में दोनों पार्टियों का गठबंधन था, लेकिन 2023 में कुछ विवादों के बाद एआईएडीएमके ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था। 2024 के लोकसभा चुनावों में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा, लेकिन नतीजों में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके)-कांग्रेस गठबंधन ने बाजी मारी। अब बीजेपी और एआईएडीएमके डीएमके के खिलाफ मजबूत मोर्चा बनाने की कोशिश में हैं।
क्या बदलेगा बीजेपी का नेतृत्व?
शाह की यात्रा के बीच तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के. अन्नामलाई के भविष्य को लेकर भी चर्चाएं गर्म हैं। अन्नामलाई ने हाल ही में कहा था कि वह तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं हैं। कुछ सूत्रों का दावा है कि एआईएडीएमके ने गठबंधन की शर्त के तौर पर अन्नामलाई को हटाने की मांग रखी है, क्योंकि उनके कुछ बयानों को एआईएडीएमके नेताओं ने आपत्तिजनक माना था। हालांकि, बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है। रिपोर्टों की मानें तो अन्नामलाई पद छोड़ सकते हैं और उनके लिए राज्यसभा की सीट या राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारी पर विचार किया जा रहा है।
2026 का सियासी समीकरण
तमिलनाडु में 2026 का विधानसभा चुनाव कई मायनों में दिलचस्प होने वाला है। डीएमके के नेतृत्व में सत्तारूढ़ गठबंधन मजबूत स्थिति में है, लेकिन बीजेपी और एआईएडीएमके का गठबंधन राज्य में विपक्षी वोटों को एकजुट कर सकता है। इसके अलावा, अभिनेता विजय की तमिलगा वेट्री कड़गम (टीवीके) और सीमन की नाम तमिलर काची जैसी नई पार्टियां भी सियासी समीकरण को प्रभावित कर सकती हैं। बीजेपी पत्ताली मक्कल काची (पीएमके) जैसे अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ भी गठबंधन की संभावनाएं तलाश रही है।
शाह का डीएमके पर निशाना
शाह ने अपनी यात्रा से पहले डीएमके सरकार पर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने तमिलनाडु को 2014 से 2024 के बीच 5,08,337 करोड़ रुपये का फंड दिया है, और डीएमके के दावों को खारिज करते हुए कहा कि राज्य के साथ कोई अन्याय नहीं हुआ है। शाह ने यह भी भरोसा जताया कि 2026 में एनडीए तमिलनाडु में सरकार बनाएगी।