दोनों इंजन फेल, थर्स्ट नहीं मिला और जहाज गिर गया: एक्सपर्ट ने अहमदाबाद क्रैश के संभावित कारण गिनाए
एविएशन एक्सपर्ट्स ने अहमदाबाद विमान हादसे का वीडियो देखकर आशंका जताई है कि विमान डगमगाए या संतुलन खोए बिना नीचे गिरा है जो संकेत है कि दोनों इंजन से थर्स्ट (ऊपर ढकेलने वाली ताकत) नहीं मिला और जहाज ऊंचाई खोते-खोते क्रैश कर गया।

अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान के उड़ान के बाद एयरपोर्ट के पास क्रैश होने से देश स्तब्ध है। विमान पर दो पायलट के अलावा गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी समेत 230 यात्री और 10 क्रू मेंबर सवार थे। दुनिया भर के विमानों पर नजर रखने वाली साइट फ्लाइट रडार के मुताबिक विमान ने दोपहर 1.38 बजे टेक ऑफ किया था। विमान का एक वीडियो वायरल है जिसमें लैंडिंग गियर (टायर) खुले दिख रहे हैं। जहाज धीरे-धीरे नीचे जाता है और आग का गुबार उठता है। लंदन जा रही लंबी दूरी की इस फ्लाइट में उड़ान से पहले काफी इंधन भरा गया था।
एविएशन एक्सपर्ट और पूर्व विंग कमांडर आलोक सहाय ने एक न्यूज चैनल से कहा है कि वीडियो को देखने से एक बात साफ है कि जहाज को इंजन से ना थर्स्ट (ऊपर ढकेलने वाली ताकत) मिल रहा है और ना वो ऊंचाई हासिल कर पा रहा है। वीडियो में इंजन में आग या धुआं नहीं दिख रहा, जिससे ये कहा जा सके कि चिड़ियों का झुंड टकराकर इंजन के अंदर फंस गया। सहाय ने कहा कि जांच के बाद वजह सामने आएगी लेकिन जहाज को ताकत नहीं मिल रही और वो ऊपर नहीं जा पा रहा है, ये साफ है।
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सहाय ने अहमदाबाद एयरपोर्ट बंद करने को इस बात का संकेत बताया कि जांच टीम यह देखने के लिए रनवे चेक कर सकती है कि हादसे में उसकी कोई भूमिका तो नहीं है। उन्होंने बताया कि टेक ऑफ के समय हादसा बहुत भयानक होता है क्योंकि उसमें भरपूर इंधन भरा होता है। सहाय ने कहा कि वीडियो में गौर करने वाली बात ये भी है कि हवाई जहाज के विंग्स लेवल सही हैं और संतुलन ठीक है लेकिन वो नीचे गिर रहा है। ये दिखाता है कि जहाज ऊंचाई खो रहा है लेकिन उसे इंजन से ऊपर जाने की ताकत नहीं मिल पा रही है।
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सहाय ने बताया कि विमान के टेक ऑफ में एक क्रिटिकल स्टेज आता है, जिसे पार करने के बाद पायलट को गड़बड़ी मिलती भी है तो वो टेक ऑफ नहीं रोकता क्योंकि उस स्थिति में ज्यादा क्षति हो सकती है। उन्होंने कहा कि एक भी इंजन काम कर रहा होता तो पायलट जहाज को ऊंचाई पर ले जा सकता था और इमरजेंसी हालत में जहाज को उतार लेता। सहाय ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जहाज के दोनों इंजन फेल हुए और जहाज को थर्स्ट नहीं मिला और वो गिर गया। उन्होंने इंधन की सप्लाई इंजन तक नहीं पहुंचने को एक संभावित कारण बताते हुए कहा कि ऐसा टेक्निकल एरर या इलेक्ट्रिकल फेल्योर के कारण हो सकता है।
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एविएशन एक्सपर्ट और महाराष्ट्र सरकार के पूर्व उड्डयन निदेशक कैप्टन संजय कार्वे ने भी चैनल से बातचीत में बताया कि जहाज उड़ाने में वी 1 और वी 2 स्पीड होता है। वी 1 स्पीड में पायलट टेक ऑफ का फैसला करता है। रनवे छोड़ने के बाद वी 2 स्पीड के दौरान टेक ऑफ कैंसिल नहीं हो सकता। कार्वे ने कहा कि एयर इंडिया के विमान ने टेक ऑफ किया, जो बताता है कि वी 1 स्पीड तक सब ठीक था। वी 2 स्पीड में पायलट को गड़बड़ी मिली लेकिन इमरजेंसी के बाद भी वो टेक ऑफ को कैंसिल नहीं कर सकता था। एटीसी को उसने MayDay कॉल का मैसेज दिया था और उसके बाद संपर्क टूट गया।
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कार्वे ने बताया कि हादसे के वक्त विमान का लैंडिग गियर (टायर) खुला ही दिख रहा है और विंग के फ्लैप उसी हालत में है जो टेक ऑफ के समय होते हैं। पायलट जहाज को 600-700 फीट से ऊपर नहीं ले जा सका। उन्होंने पायलट की तारीफ की कि दोनों इंजन से पावर नहीं मिलने के बाद भी उन्होंने विंग्स लेवल को मैंटेन करके असाधारण फ्लाइंग स्किल का परिचय दिया है। एक इंजन के फेल होने पर भी जहाज को दूसरे इंजन पर संभाला जा सकता था। जहाज के गिरने का मतलब है कि दोनों इंजन पावर नहीं दे पाए।
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कार्वे ने इंजन में गड़बड़ी के सवाल पर कहा कि ज्यादातर आधुनिक विमान में कम्प्यूटर से कंट्रोल होने वाले इंजन लगे हैं। इसलिए आप कोई एक कारण नहीं बता सकते कि इंजन ने काम क्यों नहीं किया। एक कारण इंधन हो सकता था लेकिन इस जहाज में वो भरपूर था। दूसरा कारण हो सकता है कि पाइपलाइन में ब्लॉक के कारण इंजन तक इंधन ना पहुंच रहा हो। तीसरा कारण हो सकता है कि कम्प्यूटर को सही इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल नहीं मिले हों। उन्होंने बताया कि लंदन के लिए उड़ने से पहले जहाज अहमदाबाद में कुछ घंटे ग्राउंड पर था। एयर इंडिया के इंजीनियर्स ने इस दौरान सारी चीजें जरूर देखी होंगी।