CBI Court Acquits Justice Nirmal Yadav Booked Receiving 15L Cash bribe जज के दरवाजे पर कैश; 15 लाख रिश्वत मामले में निर्मल यादव बरी, CBI कोर्ट ने क्या कहा, India Hindi News - Hindustan
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जज के दरवाजे पर कैश; 15 लाख रिश्वत मामले में निर्मल यादव बरी, CBI कोर्ट ने क्या कहा

  • दरअसल, 17 साल पहले गलत डिलीवरी के चलते रिश्वत का यह मामला सामने आया था। जस्टिस निर्मलजीत कौर 2008 में महज 33 दिन पहले ही हाई कोर्ट की जज बनी थीं। उनके घर के दरवाजे पर अचानक नोटों से भरा पैकेट पहुंचा दिया गया।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानSat, 29 March 2025 05:16 PM
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जज के दरवाजे पर कैश; 15 लाख रिश्वत मामले में निर्मल यादव बरी, CBI कोर्ट ने क्या कहा

सीबीआई कोर्ट ने पूर्व जस्टिस निर्मल यादव को दरवाजे पर कैश मामले में शनिवार को बरी कर दिया। साल 2008 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जज रहते समय उन पर 15 लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप लगे थे। स्पेशल सीबीआई जज अलका मलिक की अदालत ने आज अपना फैसला सुनाया। बचाव पक्ष के वकील विशाल गर्ग ने बताया कि कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश निर्मल यादव और 4 अन्य को बरी कर दिया है। इस मामले में कुल 5 आरोपी थे, जिनमें से एक की पहले ही मौत हो चुकी है। अदालत ने बीते गुरुवार को पूर्व जज यादव के खिलाफ CBI की ओर से दर्ज मामले में अंतिम दलीलें सुनीं और फैसला 29 मार्च को सुनाने की तारीख तय की थी।

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दरअसल, 17 साल पहले गलत डिलीवरी के चलते रिश्वत का यह मामला सामने आया था। जस्टिस निर्मलजीत कौर 2008 में महज 33 दिन पहले ही हाई कोर्ट की जज बनी थीं। उनके घर के दरवाजे पर अचानक नोटों से भरा पैकेट पहुंचा दिया गया। मगर, उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी और इस तरह रिश्वत के बड़े खेल का पर्दाफाश हुआ। दरवाजे पर कैशकांड मामले को लेकर कुछ समय बाद रिटायर्ड होने वाली जस्टिस निर्मल यादव पर आरोप लगे। यादव और हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल संजीव बंसल पर केस दर्ज हुआ। बंसल की कुछ वर्षों बाद मौत हो गई।

89 गवाहों के दर्ज किए गए थे बयान

इस बीच, केस चलता रहा और कई जज बदल गए। इस मामले में करीब 89 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। 12 गवाहों के दोबारा बयान के लिए बुलाया गया। आखिरकार 29 मार्च को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट का फैसला आया। शनिवार को फैसला देते हुए सीबीआई कोर्ट ने कहा कि आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। साथ ही, मुख्य गवाहों ने अदालत में पहले दिए गए बयानों से पलटी मगर ली, जिससे केस कमजोर हो गया। अदालत ने यह भी कहा कि सीबीआई ने ठोस डिजिटल या दस्तावेजी सबूत पेश नहीं किए।