रेपिस्ट आसाराम की अंतरिम जमानत बढ़ाई जाए या नहीं; गुजरात हाईकोर्ट के जजों ने क्या फैसला सुनाया?
- जमानत को आगे बढ़ाया जाए या नहीं, इस पर गुजरात हाईकोर्ट के दो जजों ने अलग-अलग (विभाजित) फैसला सुनाया है। जानिए जजों ने फैसला सुनाया।

रेपिस्ट आसाराम की अंतरिम जमानत 31 मार्च को पूरी होने वाली है। यह मेडिकल ग्राउंड पर ली गई थी। जमानत को आगे बढ़ाया जाए या नहीं, इस पर गुजरात हाईकोर्ट के दो जजों ने अलग-अलग (विभाजित) फैसला सुनाया है। आपको बताते चलें कि आसाराम बापू साल 2013 के बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। जानिए जजों ने क्या कहा।
गुजरात हाईकोर्ट के जजों ने क्या फैसला सुनाया?
इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश इलेश जे वोरा और न्यायाधीश संदीप एन भट्ट कर रहे थे। बार एंड बेंच के अनुसार अंतरिम जमानत पर फैसला सुनाते हुए जजों ने कहा कि इस पहलू पर हमारे बीच मतभेद है। न्यायाधीश इलेश ने कहा कि मैं तीन महीने का समय देने के पक्ष में हूं, लेकिन वहीं दूसरे न्यायाधीश इसके लिए असहमत दिखे। यानी वो जमानत को आगे बढ़ाने के पक्ष में नही हैं। इस कारण अब यह मामला गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पास पहुंच गया है। इनके निर्देश के बाद ही फैसला सुनाया जाएगा।
जमानत मिलने के बावजूद रहेगी ये मुश्किल
आसाराम ने गांधीनगर दुष्कर्म मामले में 6 महीने की स्थाई जमानत मांगी है। इस मामले में 25 मार्च को सुनवाई भी हुई थी। लेकिन, कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। 28 मार्च को फिर सुनवाई हुई और फैसला विभाजित रहा। इसलिए इसे चीफ जस्टिस के पास भेज दिया गया है। बताया गया है कि अगर जमानत बढ़ भी जाती है, आसाराम की मुश्किलें फिर भी कम नहीं होंगी। उन्हें इसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत बढ़वानी पड़ेगी, क्योंकि जोधपुर दुष्कर्म मामले में भी वो दोषी हैं और आजीवन जेल की सजा भुगत रहे हैं।
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