कौन जात हो भाई, पूछने की तारीख आई; पर इन राज्यों में 5 महीने पहले ही होगी जनगणना, ऐसा क्यों?
निर्धारित अंतराल के मुताबिक देश की जनगणना 2021 में होनी चाहिए थी लेकिन कोविड महामारी की वजह से इसे टाल दिया गया था। अब यह 2027 में होगी। इससे पहले 2011 में आखिरी बार देश में जनगणना हुई थी।

केंद्र सरकार ने लंबे समय से लंबित जनगणना कराने की तारीख का ऐलान कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी देते हुए कहा है कि इस जनगणना के साथ ही जातिगत गणना भी की जाएगी। यानी जनगणना करने वाले कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों से उनकी जाति भी पूछेंगे। मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में बताया, ‘‘जातिगत गणना के साथ-साथ जनगणना-2027 को दो चरणों में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।’’
मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि वैसे तो देशभर में एक मार्च 2027 से जनगणना कराई जाएगी लेकिन लद्दाख जैसे बर्फीले क्षेत्रों में जातिगत गणना के साथ जनगणना का काम पांच महीने पहले यानी एक अक्टूबर, 2026 से ही शुरू हो जाएगी। बयान में कहा गया है, ‘‘केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के बर्फीले क्षेत्रों के लिए जनगणना और जातिगत गणना की संदर्भ तिथि 2026 के पहले अक्टूबर की आधी रात बारह बजे होगी।’’
अधिसूचना 16 जून 2025 को होगी प्रकाशित
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के प्रावधान के अनुसार उपरोक्त संदर्भ तिथियों के साथ जनगणना कराने के आशय की अधिसूचना संभवतः 16 जून 2025 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी।’’ भारत की जनगणना, जनगणना अधिनियम, 1948 और जनगणना नियम, 1990 के प्रावधानों के अंतर्गत की जाती है।
पिछली जनगणना 2011 में हुई थी
भारत की पिछली जनगणना 2011 में दो चरणों में की गई थी। पहला चरण एक अप्रैल से 30 सितंबर 2020 के बीच चला था, जिसमें मकानों की गिनती की गई थी और दूसरा चरण नौ फरवरी से 28 फरवरी 2011 के बीच तक चला था जिसमें लोगों की गिनती की गई थी। मंत्रालय ने बताया कि जनगणना 2021 को भी इसी तरह दो चरणों में आयोजित करने का प्रस्ताव था। पहला चरण अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान और दूसरा चरण फरवरी 2021 में आयोजित किया जाना था।
2021 में भी हो गई थीं तैयारियां पूरी
इसमें कहा गया कि 2021 में आयोजित की जाने वाली जनगणना के पहले चरण की सभी तैयारियां पूरी हो गई थीं और एक अप्रैल, 2020 से कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में क्षेत्रीय कार्य शुरू होने वाला था। हालांकि, देश भर में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण जनगणना का काम स्थगित करना पड़ा। बता दें कि सरकार ने हाल ही में फैसला किया था कि जनगणना के साथ-साथ जातिगत गणना भी की जाएगी।