बेंगलुरु भगदड़ मामले में पुलिस कमिश्नर समेत कई अधिकारी नपे, सिद्धारमैया ने कर दिया सस्पेंड
Bengaluru stampede: बेंगलुरु भगदड़ मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बड़ा ऐक्शन लिया है। इस मामले में पुलिस कमिश्नर समेत कई अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

बेंगलुरु में हुई भगदड़ के मामले में अब कर्नाटक सरकार सख्त हो गई है। गुरुवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भगदड़ के लिए कथित रूप से जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए तमाम अधिकारियों को निलंबित कर दिया। निलंबित किए गए इन अधिकारियों में शहर पुलिस कमिश्नर समेत कई बड़े अधिकारी शामिल हैं। इतना ही नहीं सीएम ने इस भगदड़ की जांच के लिए आयोग के गठन की भी घोषणा की।
मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, "कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर, स्टेशन हाउस मास्टर, स्टेशन हाउस ऑफिसर, एसीपी, सेंट्रल डिवीजन डीसीपी, क्रिकेट स्टेडियम प्रभारी, एडिशनल पुलिस कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।"
11 लोगों की जान लेने वाली इस घटना की जांच के लिए सीएम सिद्धारमैया ने एक सदस्यीय जांच दल की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, "उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायाधीश माइकल डी कुन्हा की अध्यक्षता में हमने एक सदस्यीय आयोग नियु्क्त किया है। इसके अलावा आरसीबी इवेंट मैनेजर, मैनेजर डीएनए.. जिनके नेतृत्व में यह कार्यक्रम हुआ था उन सभी को हमने गिरफ्तार करने का फैसला किया है।"
बेंगलुरु भगदड़
आपको बता दें कि आईपीएल फाइनल में आरसीबी की जीत के बाद बेंगलुरु में टीम ने जश्न का आयोजन किया था। इस दौरान स्टेडियम के बाहर लाखों प्रशंसकों की भीड़ पहुंच गई, जिससे वहां पर भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए।
बुधवार को हुई इस घटना के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना के लिए अत्याधिक भीड़ को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि आईपीएल में आरसीबी की जीत के बाद टीम के साथ जश्न मनाने के लिए स्टेडियम के बाहर 3 से 4 लाख लोग आ गए थे, जिसकी वजह से यह घटना हुई।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस घटना पर स्वतः संज्ञान लिया। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशि किरण ने कहा कि इतने लोग इसलिए पहुंच गए क्योंकि यह प्रकाशित किया गया था कि प्रवेश निशुल्क है।