पुणे पोर्श कांड में आरोपी की मदद करने वाले डॉक्टर अब किडनी रैकेट में धरे गए, क्या है पूरा केस
साल 2022 में डॉक्टर अजय तवारे रीजनल ऑथोराइजेशन कमेटी का प्रमुख था, जो किडनी ट्रांसप्लांट की मंजूरी देता था। पुणे पुलिस ने मई 2022 में 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। मामला किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में कथित गलत तरीके का उपयोग करने का था।

पुणे पोर्श कांड में सजा काट रहे ससून अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अजय तवारे नए मामले में फंस गए हैं। खबर है कि पुलिस ने उसे अब किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट से जुड़े केस में गिरफ्तार किया है। उसे गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा। बीते साल मई में एक लग्जरी कार ने बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद आरोपी नाबालिग को निबंध लिखने की सजा देकर छोड़ दिया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने बताया है कि तवारे को सिटी क्राइम ब्रांच ने रूबी हॉल क्लीनिक के किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट केस में हिरासत में लिया है। फिलहाल, तवारे येरवाड़ा जेल में बंद है। आरोप है कि पोर्श कांड के नाबालिग आरोपी के खून के नमूनों के साथ छेड़छाड़ की थी। बीते साल मई में कल्याणी नगर में हादसा हुआ था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी।
खास बात है कि साल 2022 में तवारे रीजनल ऑथोराइजेशन कमेटी का प्रमुख था, जो किडनी ट्रांसप्लांट की मंजूरी देता था। पुणे पुलिस ने मई 2022 में 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। मामला किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में कथित गलत तरीके का उपयोग करने का था।
क्या था केस
कोल्हापुर की एक महिला ने धोखाधड़ी कर एक ऐसे शख्स की पत्नी होने का दावा किया, जिसे ट्रांसप्लांट की जरूरत थी। उस महिला ने 2022 में युवती को किडनी दे दी और युवती की मां ने उस शख्स को किडनी दे दी। ऐसी बदलाव तब किया जाता है, जब मरीजों को उनके ही रिश्तेदार खून का मिलान नहीं होने के चलते किडनी नहीं दे सकते।
29 मार्च 2022 को रूबी हॉल क्लीनिक में ट्रांसप्लांट सर्जरी की प्रक्रिया के दौरान 4 दिन बाद महिला ने अपनी असली पहचान जाहिर कर दी थी। खबर है कि पैसों को लेकर हुए विवाद के बाद उसने अपनी पहचान का खुलासा किया था।