एक बड़े देश से डरकर पीएम मोदी ने रोकी सेना, ममता के मंत्री का बयान; BJP का पलटवार
Operation Sindoor: ममता सरकार में मंत्री हकीम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक बड़े देश से डरकर भारतीय सेना को पाकिस्तान पर हमला करने से रोक दिया था। इस पर पलटवार करते हुए भाजपा की तरफ से उन पर पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया गया।

Operation Sindoor news: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर ट्रंप के दावे के बाद भारतीय राजनीति में लगातार विवाद बना हुआ है। शनिवार को ममता सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़े देश के डर से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेनाओं को रोक दिया था। फिरहाद के इस बयान के बाद भाजपा ने ममता सरकार के मंत्री के ऊपर हमला करते हुए उन पर पाकिस्तानी जबान बोलने का आरोप लगाया।
भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने फिरहाद की बयान की एक वीडियो को टैग करते हुए राज्य सरकार के मंत्री पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि ऐसा अपमानजनक बयान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इशारे पर दिया गया है। वह यही नहीं रुके उन्होंने लिखा, "कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम जो कह रहे हैं, उसे ध्यान से सुनिए.. यह वही व्यक्ति है जिसने कभी कोलकाता के कुछ हिस्सों को मिनी पाकिस्तान कहा था और जो खुलेआम भारत को इस्लामिक राज्य बनाने का सपना देखा करता था।"
मालवीय ने लिखा, "इतना सब करने वाला नेता आज, अपनी नेत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर प्रधानमंत्री के खिलाफ इतना अपमानजनक बयान दिया है। इनकी बेशर्मी तो देखिए कि इन्होंने दावा कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर में पीएम मोदी की कोई भूमिका नहीं थी। यहां तक कि इन्होंने एक कदम आगे बढ़कर प्रधानमंत्री को युद्धविराम का पालन करने के लिए उन्हें कायर तक करार दे दिया।"
इससे पहले मीडिया से बात करते हुए हकीम ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़े देश से डरकर एक कायर की तरह, पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना के हमलों को रोक दिया था। अब प्रधानमंत्री कैसे यह दावा कर सकते हैं कि उन्होंने कुछ बड़ा किया है? वह ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय कैसे ले सकते हैं?"
हकीम के इस बयान को पाकिस्तानी नेता की जबान बताते हुए मालवीय ने लिखा, "सच कहूं तो, यह बयान किसी भारतीय नेता का न लगकर किसी पाकिस्तानी नेता का लग रहा है। एक ऐसा नेता जो भारत सरकार और उसके नेतृत्व को कमतर आंकने की कोशिश कर रहा है। इस तरह के बयान उन लोगों की मानसिकता को उजागर करते हैं, जो पक्षपातपूर्ण नफ़रत को राष्ट्रीय हित से ऊपर रखते हैं। भारत के लोग इसे समझ जाएंगे।