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ISRO का गजब प्रयोग, इस अजीब प्राणी को एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला के साथ भेजेगा स्पेस

  • ये सूक्ष्म जीव इतने छोटे होते हैं कि बिना माइक्रोस्कोप के देखे नहीं जा सकते। लेकिन यह छोटा पैकेट बड़ा धमाका हैं। ये जीव किसी अजूबे से कम नहीं, इसे जल, बर्फ, आग, वैक्यूम, रेडिएशन, यहां तक कि स्पेस की सख्त स्थितियां भी नहीं मार पातीं।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSun, 20 April 2025 01:42 PM
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ISRO का गजब प्रयोग, इस अजीब प्राणी को एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला के साथ भेजेगा स्पेस

एक भारतीय एस्ट्रोनॉट अब अंतरिक्ष की दुनिया में नया इतिहास रचने वाला है और साथ ले जा रहा है अपने साथ एक ऐसा प्राणी, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। इस मिशन का नाम है Axiom-4 और भारत के शुभांशु शुक्ला इसमें उड़ान भरने जा रहे हैं। वह न सिर्फ स्पेस स्टेशन पर पहुंचेंगे बल्कि वहां रहेंगे, काम करेंगे, और सबसे खास बात कि वो एक बेहद अजीब और टेढ़े-मेढ़े दिखने वाले सूक्ष्म जीव वोएजर टार्डीग्रेड्स को भी साथ ले जा रहे हैं। इसरो इस अजीब से जीव को स्पेस में क्यों भेज रहा है… आइए जानते हैं।

वोएजर टार्डीग्रेड्स कौन हैं?

इसे वॉटर बीयर यानी 'पानी का भालू' या मॉस पिगलेट भी कहा जाता है। ये सूक्ष्म जीव इतने छोटे होते हैं कि बिना माइक्रोस्कोप के देखे नहीं जा सकते। लेकिन यह छोटा पैकेट बड़ा धमाका हैं। ये जीव किसी अजूबे से कम नहीं, इसे जल, बर्फ, आग, वैक्यूम, रेडिएशन, यहां तक कि स्पेस की सख्त स्थितियां भी नहीं मार पातीं। इनका शरीर आठ पैरों वाला होता है और उनके पंजों में नन्हें-नन्हें नुकीले नाखून होते हैं। इनके चलने का अंदाज ऐसा जैसे कोई प्यारा भालू धीरे-धीरे डग भर रहा हो।

किया जाएगा खास रिसर्च

इस प्रयोग में शुक्ला स्पेस स्टेशन पर 14 दिन तक इन टार्डीग्रेड्स के साथ जीने वाले हैं। जी हां, इस जीव के पुनर्जीवन, जीवन रक्षा और प्रजनन पर रिसर्च होगी। देखा जाएगा कि स्पेस की माइक्रोग्रैविटी में क्या ये अजीब जीव कैसे सोकर उठते हैं, अंडे देते या नहीं और अगर हां तो उनके बच्चे कैसे निकलते हैं। साथ ही, ये भी देखा जाएगा कि अंतरिक्ष में रहने के बाद इनके डीएनए में क्या बदलाव आता है।

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इस रिसर्च का मकसद भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रखना, लंबी स्पेस ट्रैवल के लिए इंसानी शरीर को समझना है। इसरो के इस अभियान के जरिये भारत पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर जीवित प्रयोग करेगा और वो भी एक ऐसे जीव के साथ जो दुनिया के सबसे कठिन हालात में भी हार नहीं मानता।