पुलिस समन भेजती रह गई, हाई कोर्ट पहुंच गए कुणाल कामरा: FIR रद्द करने की मांग
- मुंबई पुलिस के बार-बार समन भेजने के बाद भी कमेडियन कुणाल कामरा पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए। वहीं अब उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट से एफआईआर रद्द करने की गुहार लगाई है।

‘स्टैंड-अप कॉमेडियन’ कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर शहर पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द किए जाने का अनुरोध करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कामरा के वकील नवरोज सीरवई ने सोमवार को न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल और न्यायमूर्ति एस एम मोदक की पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख करते हुए तत्काल सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया।
सीरवई ने पीठ से कहा कि कामरा को मद्रास उच्च न्यायालय से सोमवार तक अंतरिम राहत मिली है लेकिन इसके बावजूद मुंबई पुलिस उन्हें पेश होने के लिए समन जारी कर रही है। पीठ ने कहा कि वह मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करेगी। कामरा ने पांच अप्रैल को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
कामरा की याचिका में दावा किया गया है कि उनके खिलाफ दर्ज शिकायतें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, कोई भी पेशा अपनाने एवं व्यवसाय करने का अधिकार और भारत के संविधान के तहत प्रदत्त जीवन एवं स्वतंत्रता के अधिकार समेत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं। कामरा को उनके खिलाफ दर्ज मामले में मद्रास हाई कोर्ट से सात अप्रैल तक अंतरिम अग्रिम जमानत पिछले महीने मिल गई थी। वह तमिलनाडु के स्थायी निवासी हैं। मद्रास उच्च न्यायालय में इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है।
कामरा को तीन बार समन भेजे जाने के बावजूद वह पूछताछ के लिए मुंबई पुलिस के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान शिंदे का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष करते हुए फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के एक हिंदी गाने का परिवर्तित संस्करण इस्तेमाल किया था जिसमें उन्होंने शिंदे को कथित तौर पर गद्दार कहा था।
मुंबई में खार पुलिस ने शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत पर कामरा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। नासिक ग्रामीण, जलगांव और नासिक (नंदगांव) में ‘कॉमेडियन’ के खिलाफ दर्ज तीन प्राथमिकियां भी खार पुलिस को सौंप दी गई हैं।