बच्चे के जन्म के 17 दिन बाद UPSC मेन्स देने गई थीं केरल की मालविका, AIR 45 लाकर पेश की मिसाल
- केरल की मालविका नायर ने हाल ही में घोषित UPSC CSE एग्जाम की फाइनल लिस्ट में जगह बनाई है। उन्होंने AIR 45 हासिल किया है। मालविका नायर की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है।

UPSC 2024: UPSC ने मंगलवार, 22 अप्रैल को सिविल सर्विसेज परीक्षा 2024 के फाइनल नतीजों की घोषणा कर दी है। यूपीएससी ने इस साल कुल 1009 अभ्यर्थियों को विभिन्न सेवाओं के लिए चयनित किया है। इस सूची में जहां शक्ति दुबे ने टॉप पर जगह बनाई है वही हर्षिता गोयल दूसरे और डोंगरे पराग तीसरे स्थान पर रहे हैं। सूची में कई नाम ऐसे भी हैं जो इस सफलता को हासिल कर दूसरों के लिए एक मिसाल पेश कर रहे हैं। इनमें से एक हैं मालविका नायर। मूल रूप से केरल की रहने वाली मालविका नायर ने टॉपर्स की लिस्ट में 45 वीं रैंक हासिल की है। खास बात यह है कि वह अपने बेटे के जन्म के महज 17 दिन बाद यूपीएससी मेन्स का एग्जाम देने पहुंची थी।
मालविका नायर केरल के अलप्पुझा जिले के चेंगन्नूर की रहने वाली हैं। फिलहाल वह भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी के पद पर कार्यरत थीं। परिणाम जारी होने के बाद उन्होंने बताया है कि किस तरह पिछले कुछ महीने उनके लिए बेहद तनावपूर्ण रहे। नायर ने मंगलवार को एक इंटरव्यू में कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि मेरा नाम रैंक लिस्ट में आया, भगवान का शुक्र है। आईएएस बनने होने के लिए यह मेरी आखिरी कोशिश थी।”
उन्होंने आगे बताया, “यह एक बहुत ही कठिन प्रयास था। पिछले साल जब मैं प्रीलिम्स दे रही थी, तब मैं प्रेगनेंट थी। स्वास्थ्य के मोर्चे पर चुनौतियां थीं। मेरे बेटे का जन्म 3 सितंबर को हुआ और मैंने 20 सितंबर को मेन्स परीक्षा दी। मैं अपने परिवार के साथ के वजह से ही यह सब कर पाई।" मालविका ने बताया कि पिछले कुछ सालों में इस परीक्षा को देने के अनुभव ने उनकी बहुत मदद की। बता दें कि IRS में डिप्टी कमिश्नर मालविका नायर फिलहाल चाइल्ड-केयर लीव पर हैं। उन्होंने पहले भी दो बार यूपीएससी रैंक लिस्ट में जगह बनाई है। 2022 की परीक्षा में उन्हें 172वीं रैंक मिली थी।
मालविका के पति ने भी इस मौके पर बेहद खुशी जताई है। उनके पति नंदगोपन एम आईपीएस ट्रेनी हैं और फिलहाल मलप्पुरम जिले के मंजेरी पुलिस स्टेशन के प्रभारी हैं। उन्होंने कहा, "मैं बहुत खुश हूं क्योंकि बच्चे को ले जाने और परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने जो मेहनत की, वह बहुत बड़ी थी। यह बिल्कुल भी आसान नहीं है। वह इसकी हकदार हैं।"