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UPSC Success Story: नेत्रहीन मनु गर्ग ने क्रैक किया यूपीएससी, 91वीं रैंक लाकर रच दिया इतिहास

  • UPSC CSE Result 2024: संघर्ष, संकल्प और सफलता की जीती-जागती मिसाल बने हैं जयपुर के मनु गर्ग, जिन्होंने अपनी दृष्टिबाधा को कभी कमजोरी नहीं बनने दिया और यूपीएससी में 91वीं रैंक लाकर इतिहास रच दिया।

Prachi लाइव हिन्दुस्तानTue, 22 April 2025 06:26 PM
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UPSC Success Story: नेत्रहीन मनु गर्ग ने क्रैक किया यूपीएससी, 91वीं रैंक लाकर रच दिया इतिहास

UPSC Success Story: संघर्ष, संकल्प और सफलता की जीती-जागती मिसाल बने हैं जयपुर के मनु गर्ग, जिन्होंने अपनी दृष्टिबाधा को कभी कमजोरी नहीं बनने दिया। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2024 में देशभर में 91वीं रैंक प्राप्त कर मनु ने न सिर्फ अपने परिवार का, बल्कि पूरे राजस्थान का मान बढ़ाया है। शास्त्री नगर निवासी 23 वर्षीय मनु जन्म से नेत्रहीन हैं, लेकिन उनकी मेहनत, हौसले और आत्मविश्वास ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया।

मनु की शुरुआती शिक्षा जयपुर के प्रतिष्ठित सेंट जेवियर्स स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से स्नातक और फिर जेएनयू से राजनीति शास्त्र में परास्नातक किया। वर्तमान में वह जेएनयू में जूनियर रिसर्च फेलो के तौर पर कार्यरत हैं। मनु बताते हैं कि उन्होंने सिविल सेवा में आने का सपना स्नातक के दौरान देखा था, और तभी से उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी।

नेत्रहीनता को कभी भी अपनी राह की रुकावट नहीं बनने देने वाले मनु ने तकनीक को अपना सबसे बड़ा साथी बनाया। स्क्रीन रीडर, ऑडियो नोट्स और डिजिटल लर्निंग टूल्स की मदद से उन्होंने पढ़ाई को सुगम बनाया। उन्होंने साबित कर दिखाया कि जब इरादे मजबूत हों तो कोई भी शारीरिक चुनौती लक्ष्य को छूने से नहीं रोक सकती।

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मनु से जब हमारी बात हुई तो उन्होंने कहा कि इस सफलता में उनके परिवार का भी अहम योगदान रहा। खासकर मां ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया और कभी उनकी नेत्रहीनता को बाधा नहीं बनने दिया। मनु कहते हैं, “मेरे परिवार ने हमेशा मुझ पर विश्वास किया और मुझे आगे बढ़ने की पूरी आज़ादी दी। आज जो कुछ भी हूं, उसमें उनका बहुत बड़ा हाथ है।”

मनु गर्ग की यह उपलब्धि उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है, जो जीवन में किसी न किसी चुनौती से जूझ रहे हैं। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर लगन हो, दिशा सही हो और आत्मविश्वास अडिग हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं। उनकी सफलता न केवल एक व्यक्तिगत जीत है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा है। अब पूरा देश उनकी प्रशासनिक यात्रा को उत्सुकता से देख रहा है।