Nishikant Dubey on Supreme Court They ask for papers on Ram Mandir But on Mosque they say where will they show Paper राम मंदिर पर कागज मांगते हैं, मस्जिद पर कहते हैं- पेपर कहां से दिखाएंगे; सुप्रीम कोर्ट पर भड़के निशिकांत दुबे, India Hindi News - Hindustan
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राम मंदिर पर कागज मांगते हैं, मस्जिद पर कहते हैं- पेपर कहां से दिखाएंगे; सुप्रीम कोर्ट पर भड़के निशिकांत दुबे

  • निशिकांत दुबे ने कहा कि जब राम मंदिर या फिर हिंदू धर्म से जुड़ा कोई मामला सामने आता है तो सुप्रीम कोर्ट उसके कागज मांगता है, लेकिन जब मस्जिदों के केस होते हैं तो कहता है कि पेपर कहां से दिखाएंगे।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSat, 19 April 2025 08:54 PM
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राम मंदिर पर कागज मांगते हैं, मस्जिद पर कहते हैं- पेपर कहां से दिखाएंगे; सुप्रीम कोर्ट पर भड़के निशिकांत दुबे

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई संजीव खन्ना पर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने दो टूक कहा है कि कोर्ट ने अपनी सीमा पार कर दी है और देश में जो गृह युद्ध हो रहे हैं, उसके जिम्मेदार सीजेआई संजीव खन्ना ही हैं। साथ ही, दुबे ने दावा किया कि जब राम मंदिर या फिर हिंदू धर्म से जुड़ा कोई मामला सामने आता है तो सुप्रीम कोर्ट उसके कागज मांगता है, लेकिन जब मस्जिदों के केस होते हैं तो कहता है कि पेपर कहां से दिखाएंगे। इसके जरिए बीजेपी सांसद का इशारा अयोध्या के राम मंदिर मामले पर फैसले और वक्फ संशोधन कानून पर चल रही सुनवाई की ओर था।

निशिकांत दुबे ने न्यूज एजेंसी ‘एएनआई’ से बात करते हुए कहा, ''आज यह देश राम, कृष्ण, सीता, राधा का है, सनातन की परंपरा, लाखों साल की परंपरा है। आप (सुप्रीम कोर्ट) जब राम मंदिर का विषय होता है तो कहते हो कि कागज दिखाओ, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मामले में कागज मांगते हो, ज्ञानवापी में भी कागज मांगते हो, लेकिन मुगलों के आने के बाद जो मस्जिद बनी है, उसके लिए कहते हैं कि आप कागज कहां से दिखाओगे? इस देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सिर्फ सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। कोर्ट का उद्देश्य है कि शो मी द फेस, वी विल शो यू द लॉ। सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा के बाहर जा रहा है।''

निशिकांत दुबे की यह टिप्पणी वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच आई है। गौरतलब है कि केंद्र ने 17 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वह किसी भी 'वक्फ-बाय-यूजर' प्रावधान को रद्द नहीं करेगा और बोर्ड में किसी भी गैर-मुस्लिम सदस्य को शामिल नहीं करेगा। यह आश्वासन शीर्ष अदालत द्वारा कानून के उन हिस्सों पर रोक लगाने पर विचार करने के एक दिन बाद आया है।

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वहीं, कांग्रेस नेताओं ने निशिकांत दुबे पर उनके सुप्रीम कोर्ट पर दिए गए बयान को लेकर हमला किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट लगातार सभी अन्य संस्थानों को ध्वस्त कर रहा है। कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट पर दिए गए बयान को अपमानजनक करार दिया और कहा कि शीर्ष अदालत पर उनका हमला स्वीकार्य नहीं है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि भाजपा नेता द्वारा दिया गया कथित बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। मसूद ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ जिस तरह के बयान आ रहे हैं, वे बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं...यह पहली बार नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार के खिलाफ फैसला दिया है...यह हताशा समझ से परे है।"