On Ram Navami PM Modi will gift the Pamban Bridge India first vertical lift bridge has many specialties रामनवमी पर PM मोदी देंगे पंबन ब्रिज की सौगात, भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट पुल की कई खासियतें, India Hindi News - Hindustan
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रामनवमी पर PM मोदी देंगे पंबन ब्रिज की सौगात, भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट पुल की कई खासियतें

  • Pamban Bridge: यह नया पुल 1914 में बने पुराने पंबन ब्रिज की जगह लेगा, जो एक कैंटिलीवर संरचना थी और रामेश्वरम द्वीप को भारत के मुख्य भूभाग से जोड़ती थी।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSun, 6 April 2025 08:39 AM
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रामनवमी पर PM मोदी देंगे पंबन ब्रिज की सौगात, भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट पुल की कई खासियतें

Pamban Bridge: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामनवमी के मौके पर रामेश्वरम में नए पंबन रेल पुल का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद रामेश्वरम स्थित प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा अर्चना भी करेंगे। इसके बाद में करीब डेढ़ बजे तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक लागत की विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे तथा उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे। आपको बता दें कि पंबन ब्रिज भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे समुद्र पुल है। यह पुल पाक जलसंधि को पार करते हुए 2.07 किलोमीटर लंबा है, जो बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

यह नया पुल 1914 में बने पुराने पंबन ब्रिज की जगह लेगा, जो एक कैंटिलीवर संरचना थी और रामेश्वरम द्वीप को भारत के मुख्य भूभाग से जोड़ती थी। समय के साथ यह पुल बढ़ती परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ हो गया था और समुद्री पर्यावरण के प्रभावों से प्रभावित हो गया था। 2019 में केंद्र सरकार ने इस नए पुल के निर्माण की मंजूरी दी थी।

पंबन ब्रिज की विशेषताएं

1. नाविकीय स्पैन: पुल का 72.5 मीटर लंबा नाविकीय स्पैन 17 मीटर तक ऊपर उठ सकता है, ताकि बड़े जहाज इसके नीचे से गुजर सकें।

2. उचाई में वृद्धि: यह पुल पुराने पुल से 3 मीटर ऊंचा है, जिससे समुद्री कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

3. सामग्री की गुणवत्ता: पुल को मजबूत और दीर्घकालिक बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले स्टेनलेस स्टील से निर्मित किया गया है और इसकी सतह को विशेष सुरक्षात्मक पेंट से कोट किया गया है।

4. डिजाइन: पुल की उपसंरचना में दो पटरियों की व्यवस्था की गई है।

पंबन ब्रिज की क्यों पड़ी जरूरत

1. पुराना पंबन ब्रिज बढ़ते यातायात और आधुनिक परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ था।

2. नया पंबन ब्रिज भारी रेल यातायात और तेज रेलगाड़ियों के लिए डिजाइन किया गया है।

3. यह पुल समुद्र मार्ग के लिए भी सुविधाजनक है।

निर्माण और तकनीक

1. उपुल को आधुनिक इंजीनियरिंग विधियों और उन्नत सामग्रियों जैसे स्टेनलेस स्टील का उपयोग कर निर्माण किया गया।

2. पुल की दीर्घायु सुनिश्चित करने के लिए समुद्री पर्यावरण में स्थायित्व बनाए रखने के लिए एंटी-कोरोसिव कोटिंग्स का उपयोग किया गया।

3. साइट की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए लिफ्ट स्पैन को ऑटो लॉन्चिंग विधि से लॉन्च किया गया और हाइड्रोलिक जैकिंग द्वारा सही स्थान पर स्थापित किया गया।

चुनौतियां

1. निर्माण कार्य के दौरान तूफान, चक्रवात और भूकंपीय गतिविधियों जैसी चुनौतियां आईं।

2. पुल की निर्माण सामग्री को दूरस्थ स्थल तक पहुंचाने में कठिनाइयां आईं।

3. इन सभी चुनौतियों के बावजूद, परियोजना को सुरक्षित रूप से पूरा किया गया।

नया पंबन ब्रिज भारत की बढ़ती बुनियादी ढांचे की क्षमताओं को दर्शाता है। यह पुल गोल्डन गेट, टावर और ओरेसुंड जैसे वैश्विक स्तर के पुलों की श्रेणी में शामिल हो जाता है। यह पुल भारतीय इंजीनियरिंग के कौशल को प्रदर्शित करता है और भौगोलिक और पर्यावरणीय चुनौतियों को पार करने की क्षमता को साबित करता है। इसका जीवनकाल 100 साल से अधिक होने का अनुमान है।