मेरा तीन साल का बेटा है, प्लीज छोड़ दो; बाप की चीख से नहीं पसीजे पहलगाम के आतंकी, मार दी गोली
पहलगाम में हुए आतंकी हमले का एक और दर्दनाक मंजर सामने आया है। अपनी पत्नी और तीन साल के बेटे के साथ कश्मीर घूमने गए भारत भूषण को बड़ी ही बेरहमी से आतंकियों ने मारा।

छुट्टियों का सपना लिए इंजीनियर भारत भूषण अपनी बीवी और तीन साल के बेटे के साथ पहलगाम पहुंचे थे। खुशी-खुशी कश्मीर गए इन मासूमों को नहीं पता था कि उनकी खुशियां बस कुछ वक्त की मेहमान हैं। जिस पहलगाम हमले ने पूरे देश का दिल दहला दिया उसी हमले में आतंकियों ने भारत भूषण की जिंदगी भी ले ली। हमले के दौरान 35 साल के भारत भूषण बार-बार हाथ जोड़कर विनती करते रहे थे कि मुझे छोड़ दो, मेरा तीन साल का बेटा है। मगर इंसानियत की यह पुकार भी उन दरिंदों के सीने नहीं चीर पाई।
आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की पत्नी सुजाता ने बताया कि वे लोग 18 अप्रैल को कश्मीर आए थे और मंगलवार उनका आखिरी दिन था। वे लोग वादी में घोड़े पर सवार होकर घूम रहे थे, हंसते-खेलते तस्वीरें खींच रहे थे। तभी अचानक गोलियों की आवाज आई और देखते ही देखते सशस्त्र आतंकियों ने इलाके में घुसकर पूछताछ के बहाने लोगों को एक-एक करके गोली मारनी शुरू कर दी।
बाप की चीख के आगे नहीं पसीजा आंतकियों का दिल
आखिर में बारी आई भारत भूषण की आई। उन्होंने हाथ जोड़कर आतंकियों से रहम की भीख मांगी। उन्होंने कहा, "मेरा बेटा छोटा है, प्लीज छोड़ दीजिए।" लेकिन आतंकियों ने उनके मासूम बेटे के सामने ही भारत के सीने को गोलियों से छलनी कर दिया।
बेंगलुरु में काम करते थे भारत भूषण
भरत कर्नाटक के बेंगलुरु में रहते थे और वहीं एक आईटी कंपनी में इंजीनियर थे। उनका परिवार इस सदमे से उबर नहीं पा रहा है। मंगलवार रात को भारत की पत्नी सुजाता से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने बात की। भारत का पार्थिव शरीर गुरुवार को बेंगलुरु पहुंचाया गया।