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16 बच्चे पैदा करने के बारे में सोचें लोग, चंद्रबाबू नायडू के बाद अब इस CM ने दी सलाह

  • भारत के दक्षिणी राज्यों को चिंता है कि जनसंख्या के आधार पर परिसीमन प्रक्रिया संसद में उनके प्रतिनिधित्व को कम कर सकती है। इस साल फरवरी में तमिलनाडु विधानसभा ने परिसीमन प्रक्रिया का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानTue, 22 Oct 2024 09:35 AM
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16 बच्चे पैदा करने के बारे में सोचें लोग, चंद्रबाबू नायडू के बाद अब इस CM ने दी सलाह

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में महिलाओं से राज्य में जनसंख्या स्थिर करने के लिए अधिक बच्चे पैदा करने के लिए कहा था। इसके सिर्फ दो दिन बाद ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक तमिल कहावत का हवाला देते हुए कहा है कि लोकसभा परिसीमन की प्रक्रिया लोगों को 16 बच्चे पालने के बारे में सोचने पर मजबूर कर सकती है। स्टालिन का यह बयान 21 अक्टूबर को चेन्नई में एक सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होने के दौरान आया।

इस कार्यक्रम में स्टालिन ने जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया के बारे में बात की। इस दौरान उन्होंने एक तमिल कहावत का उल्लेख किया "पथिनारुम पेत्रु पेरु वझवु वझगा," जिसका अर्थ है 16 अलग-अलग तरह की संपत्ति अर्जित करना और समृद्ध जीवन जीना।

मुख्यमंत्री ने कहा, "संसद परिसीमन प्रक्रिया लोगों को कई बच्चे पैदा करने और छोटे परिवार के विचार को त्यागने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। परिणाम जो भी हो अपने बच्चों को तमिल नाम दें।" कार्यक्रम में स्टालिन ने कहा कि पहले बुजुर्ग नवविवाहित जोड़ों को 16 तरह की संपत्ति (पथिनारुम पेत्रु पेरु वझवु वझगा) पाने का आशीर्वाद देते थे, जिसमें प्रसिद्धि, शिक्षा, वंश, धन आदि शामिल थे, न कि 16 बच्चे।

उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे लोग समृद्धि के लिए छोटे परिवार को बढ़ाने में विश्वास करने लगे हैं। स्टालिन ने कहा, "उस आशीर्वाद का मतलब 16 बच्चे पैदा करना नहीं है, अब ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि लोगों को लगता है कि अब उन्हें सचमुच 16 बच्चे पैदा करने चाहिए, न कि एक छोटा और समृद्ध परिवार।"

आपको बता दें कि भारत के दक्षिणी राज्यों को चिंता है कि जनसंख्या के आधार पर परिसीमन प्रक्रिया संसद में उनके प्रतिनिधित्व को कम कर सकती है। इस साल फरवरी में तमिलनाडु विधानसभा ने परिसीमन प्रक्रिया का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था।

चंद्रबाबू नायडू ने क्या कहा

19 अक्टूबर को अमरावती में एक रैली के दौरान चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि आंध्र प्रदेश में जनसंख्या प्रबंधन की आवश्यकता है। यहां वृद्ध लोगों की संख्या में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा, “2047 तक हम अधिक युवा होंगे। 2047 के बाद अधिक वृद्ध लोग होंगे। एक महिला अगर दो से कम बच्चे जन्म देती है तो जनसंख्या कम हो जाएगी। यदि आप दो से अधिक बच्चों को जन्म देती हैं तो जनसंख्या बढ़ जाएगी।”

आपको बता दें कि दक्षिणी राज्य की जन्म दर 1.6 तक गिर गई है। उन्होंने आशंका जताई कि वर्तमान स्थिति के जारी रहने से जन्म दर में 1 या उससे भी कम की गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि समाज में केलव वृद्ध लोग ही दिखाई देंगे।

नायडू के बयान से राजनीतिक बखेरा

चंद्रबाबू नायडू की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता जुपुडी प्रभाकर राव ने मुख्यमंत्री के लोगों से लगभग 10 साल पहले कम बच्चे पैदा करने और अब अधिक बच्चे पैदा करने के विजन की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया।

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