महाकुंभ भगदड़ में मारे गए लोगों का आंकड़ा केंद्र सरकार के पास नहीं, संसद में क्या बताई वजह
- केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन, भीड़ प्रबंधन, भक्तों के लिए सुविधाओं की व्यवस्था, कार्यक्रमों के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा की रोकथाम आदि लोक व्यवस्था से जुड़े हुए हैं, जो राज्य का विषय है।

केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि प्रयागराज महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ की घटना की जांच उत्तर प्रदेश सरकार ने की और उसके (केंद्र) के पास ऐसी घटनाओं में हताहत हुए लोगों का आंकड़ा नहीं होता है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से भगदड़ में मारे गए और घायल हुए लोगों की संख्या, कारणों की जांच के लिए अधिकारियों की ओर से उठाए गए कदमों पर जवाब मांग गया था। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल और के. नामदेव के एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए उन्होंने यह जानकारी दी। राय ने कहा कि संविधान की 7वीं अनुसूची के अनुसार, विधि व्यवस्था और पुलिस राज्य के विषय हैं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन, भीड़ प्रबंधन, भक्तों के लिए सुविधाओं की व्यवस्था, कार्यक्रमों के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा की रोकथाम आदि लोक व्यवस्था से जुड़े हुए हैं, जो राज्य का विषय है। उन्होंने लिखित उत्तर में कहा, ‘किसी राज्य में भगदड़ सहित किसी भी प्रकार की आपदा की किसी भी प्रकार की जांच करना, मृत श्रद्धालुओं और घायल व्यक्तियों के परिवारों को वित्तीय सहायता का प्रावधान भी संबंधित राज्य सरकारों के दायरे में आता है। राज्य सरकारें ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए सक्षम हैं। ऐसा कोई डेटा केंद्रीय रूप से नहीं रखा जाता है।’
पीएम मोदी ने महाकुंभ पर संसद में क्या कहा
लोकसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ पर बयान दिया। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने उनके भाषण में प्रयागराज भगदड़ में मारे गए लोगों का उल्लेख नहीं होने, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को बोलने का अवसर देने की मांग करते हुए सदन में हंगामा किया। इसके कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन में प्रश्नकाल पूरा होने के बाद पीएम मोदी ने महाकुंभ को लेकर एक वक्तव्य दिया, जिसमें इस आयोजन को भारत के इतिहास में अहम मोड़ करार दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया ने देश के विराट स्वरूप को देखा और यह ‘सबका प्रयास’ का साक्षात स्वरूप भी था, जिसमें एकता का अमृत समेत कई अमृत निकले। प्रधानमंत्री का वक्तव्य पूरा होते ही विपक्षी सदस्यों ने सवाल-जवाब की मांग की। उन्होंने प्रयागराज में भगदड़ में मारे गए लोगों का उल्लेख नहीं किए जाने का हवाला देते हुए हंगामा शुरू कर दिया।