Some judges take too many breaks, some work very hard Supreme Court calls for performance audit of HC judges कुछ वर्क लोड से दबे, कुछ छुट्टी पर छुट्टी ले रहे; CJI बनने से पहले ही मीलॉर्ड ने दिया HC जजों को झटका, India News in Hindi - Hindustan
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कुछ वर्क लोड से दबे, कुछ छुट्टी पर छुट्टी ले रहे; CJI बनने से पहले ही मीलॉर्ड ने दिया HC जजों को झटका

जस्टिस बीआर गवई के बाद जस्टिस सूर्यकांत इसी साल नवंबर के आखिरी हफ्ते में देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे। उऩ्होंने हाई कोर्ट के कुछ जजों के लचर रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए उनके काम का परफार्मेंस ऑडिट कराने को कहा है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 14 May 2025 02:46 PM
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कुछ वर्क लोड से दबे, कुछ छुट्टी पर छुट्टी ले रहे; CJI बनने से पहले ही मीलॉर्ड ने दिया HC जजों को झटका

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कुछ हाई कोर्ट जजों द्वारा बार-बार और अधिक छुट्टी लेने का मामला उठा, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए मौखिक रूप से कहा कि अब समय आ गया है कि जजों के कामकाज का मूल्यांकन करने के लिए परफॉरमेंस ऑडिट किया जाए। देश के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने वाले जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि जहां कुछ जज वर्क लोड से दबे हैं और बहुत मेहनत कर रहे हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो बेवजह बार-बार ब्रेक लेते रहते हैं, जिससे उनके समय के इस्तेमाल को लेकर चिंताएं पैदा होती हैं। बता दें कि जस्टिस सूर्यकांत जस्टिस गवई के बाद इसी साल के अंत तक देश के 53वें CJI बनने वाले हैं। जस्टिस गवई ने आज ही देश के 52वें CJI के रूप में शपथ ली है।

पिला पाहन और अन्य बनाम झारखंड राज्य और अन्य के मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा, "कुछ जज ऐसे हैं जो बहुत मेहनत करते हैं, लेकिन साथ ही, कुछ जज ऐसे भी हैं जो बेवजह कॉफी ब्रेक लेते हैं; कभी इस नाम पर ब्रेक तो कभी उस नाम पर ब्रेक... लंच का समय क्या है, वगैरह-वगैरह। हम हाई कोर्ट के जजों के बारे में बहुत सारी शिकायतें सुन रहे हैं। यह एक बड़ा मुद्दा है जिस पर गौर करने की जरूरत है। हाई कोर्ट के जजों का प्रदर्शन कैसा है? हम कितना खर्च कर रहे हैं और उसका आउटपुट क्या है? अब समय आ गया है कि हम उनका परफॉरमेंस ऑडिट करें।"

HC जजों के कामकाज के ऑडिट का आदेश

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि इन्हीं कारणों से उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के कामकाज के ऑडिट का आदेश दिया गया है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कहा, "यह एक बड़ा मुद्दा है, जिस पर विचार किए जाने की जरूरत है।" कोर्ट की यह टिप्पणी उन चार व्यक्तियों की याचिका पर आई, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए दावा किया था कि झारखंड हाई कोर्ट ने 2022 में दोषसिद्धि और आजीवन कारावास के खिलाफ आपराधिक अपील पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था, लेकिन अभी तक उस पर कोई फैसला नहीं सुनाया गया है।

अधिवक्ता फौजिया शकील ने की पैरवी

उनकी ओर से पेश अधिवक्ता फौजिया शकील ने कहा कि मामले में शीर्ष अदालत के दबाव के बाद, हाई कोर्ट ने पांच और छह मई को उनके मामलों में फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि अदालत ने चार में से तीन को बरी कर दिया, जबकि शेष के मामले में खंडित फैसला सुनाया गया और मामला हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेज दिया गया तथा उन्हें जमानत दे दी गई। शकील ने बताया कि एक सप्ताह पहले उच्च न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने के बावजूद, बरी किए गए तीन व्यक्तियों को जेल से रिहा नहीं किया गया था। इतना ही नहीं, उच्च न्यायालय ने निर्णय में आदेश सुरक्षित रखने की तारीख का उल्लेख भी नहीं किया।

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झारखंड सरकार के वकील को आदेश

इस पर आपत्ति जताते हुए, पीठ ने झारखंड सरकार के वकील से भोजनावकाश से पहले उन लोगों को रिहा करने को कहा और मामले की सुनवाई अपराह्न दो बजे के बाद के लिए टाल दी। शकील ने कहा कि शीर्ष अदालत की वजह से ही चारों को "ताजी हवा में सांस लेने" का मौक़ा मिला और अगर उच्च न्यायालय ने समय पर फ़ैसला सुनाया होता, तो वे तीन साल पहले ही जेल से बाहर आ गए होते। शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले में उठाया गया मुद्दा "सर्वोपरि महत्व" का है और “आपराधिक न्याय प्रणाली की जड़ तक जाता है।”

सभी हाई कोर्ट से ऐसे मामले तलब

इसने याचिका को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से संबंधित एक ऐसे ही मामले के साथ संबद्ध कर दिया, जिसमें निर्णय सुनाए जाने की तिथि और सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर निर्णय अपलोड किए जाने की तिथि के बारे में जानकारी मांगी गई थी। पीठ ने रजिस्ट्री को उच्च न्यायालयों से डेटा एकत्र करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई जुलाई के लिए स्थगित कर दी। बड़ी बात यह है कि शीर्ष अदालत ने सभी उच्च न्यायालयों से उन मामलों की जानकारी के साथ रिपोर्ट मांगी है, जिनमें फैसले सुरक्षित रखे जाने के बावजूद हाई कोर्ट ने अभी तक फैसला नहीं सुनाया है। (भाषा इनपुट्स के साथ)