Gujarat: After the earthquake in 2001 the mental balance was disturbed of a person now this person was free from chains after 9 years गुजरात: 2001 में आए भूकंप के बाद बिगड़ा था मानसिक संतुलन, अब 9 साल बाद जंजीरों से मुक्त हुआ यह व्यक्ति, India News in Hindi - Hindustan
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गुजरात: 2001 में आए भूकंप के बाद बिगड़ा था मानसिक संतुलन, अब 9 साल बाद जंजीरों से मुक्त हुआ यह व्यक्ति

आज से करीब बीस साल पहले एक प्रलयकारी भूकंप के झटके ने गुजरात के कच्छ इलाके में तबाही मचा दी थी। जिसने भी वह मंजर देखा था, वह जिन्दगी भर लोगों को याद रह गया। भूकंप ने जो दर्द दिए वह आज भी लोगों के...

Tej Singh एजेंसी, गुजरातFri, 12 Feb 2021 04:01 PM
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गुजरात: 2001 में आए भूकंप के बाद बिगड़ा था मानसिक संतुलन, अब 9 साल बाद जंजीरों से मुक्त हुआ यह व्यक्ति

आज से करीब बीस साल पहले एक प्रलयकारी भूकंप के झटके ने गुजरात के कच्छ इलाके में तबाही मचा दी थी। जिसने भी वह मंजर देखा था, वह जिन्दगी भर लोगों को याद रह गया। भूकंप ने जो दर्द दिए वह आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है, यहां तक कि कई लोग आज भी उस त्रासदी से उबर नहीं सके है और कुछ को तो ऐसा सदमा लगा कि वे मानसिक तौर पर कमजोर हो गए।

अब कुछ ऐसा ही मामला भुज जनपद के एक गांव से सामने आया है, जहां एक शख्स ने भूकंप के बाद अपना मासिक संतुलन खो दिया था। जिसके बाद उसके परिजनों ने उसे जंजीरों से जकड़ कर नौ सालों से एक कमरे में बंद कर रखा था। जब यह बात एक सामाजिक संस्था को पता चली तो उन्होंने शख्स को छुड़वाया।

जानकारी के अनुसार मामला भुज जिले के सुखपुर गांव का है। जहां एक सचिन सिंह वाढेर (45) नाम का शख्स पिछले नौ साल से एक ही कमरे में बंद था साथ ही उसके हांथ-पैर जंजीरों से जकड़े थे। इस बारे में जब भुज की एक सामाजिक संस्था के हेमेंद्र जणशाली को पता चला तो अपनी टीम के साथ उनके घर पहुंचे और उन्हें आजाद करवाया।

जणशाली को सचिन के परिवार वालों ने बताया कि भूकंप की त्रासदी से उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया था, क्योंकि भूकंप में उन्होंने अपना घर, परिवार और दोस्त खो दिए थे। कई सालों तक घरवालों ने उन्हें किसी तरह संभाले रखा, लेकिन साल 2012 तक उनकी हालत पूरी तरह से बिगड़ चुकी थी। परिजनों ने बताया की वे आते-जाते वाहन चालकों पर पत्थर फेंकने लगे थे। साथ ही दरवाजा खुलते ही वह भाग निकलते थे। इसके बाद उन्हें जंजीरों से जकड़ दिया गया।

इस मामले पर सामाजिक संस्था के हेमेंद्र जणशाली ने बताया कि सचिन जिस जंजीर से बांधे गए थे। उसमें लगे ताले में जंग लग गयी थी, इसके अलावा परिजनों के पास उस ताले की चाभी भी नहीं थी। जिसके बाद जंजीर को काटना पड़ा। वहीं, हेमेन्द्र ने सचिन को इलाज के लिए अस्पताल में भी भर्ती करा दिया है।

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