क्या महाराष्ट्र-MP और छत्तीसगढ़ में लागू होगा Citizenship Amendment Act? जानें मंत्री और CM ने दिया क्या बयान
नागरिकता बिल को लेकर असम समेत जहां नार्थ ईस्ट में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं अब कांग्रेस शासित राज्यों में भी इस बिल को लेकर विरोध होने लगा है। महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस नेता बालासाहेब...

नागरिकता बिल को लेकर असम समेत जहां नार्थ ईस्ट में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं अब कांग्रेस शासित राज्यों में भी इस बिल को लेकर विरोध होने लगा है। महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट से जब पूछा कि क्या महाराष्ट्र नागरिकता संशोधन बिल लागू होगा तो उन्होंने कहा कि हम अपनी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की नीति का पालन करेंगे।
वहीं जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर कांग्रेस पार्टी ने जो भी रुख अपनाया है, हम उसका पालन करेंगे? क्या हम उस प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहते हैं जो विभाजन का बीज बोती है?
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारा रुख नागरिकता संशोधन बिल पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) द्वारा की जा रही बातों से अलग नहीं होगा। हमारा स्टैंड उनके जैसा ही है।
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राष्ट्रपति ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी, बना कानून
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुरुवार देर रात नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी। इससे यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने वाला एक अधिनियम बन गया है। भारत के राजपत्र, नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के अनुसार, “संसद को 12 दिसंबर, 2019 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई और यहां सामान्य जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया।” अधिनियम आधिकारिक राजपत्र में इसके प्रकाशन के साथ लागू होता है।
अधिनियम के अनुसार, हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के सदस्य, जो 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हैं और वहां धार्मिक उत्पीड़न का सामना किया है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 बुधवार को राज्य सभा द्वारा पारित किया गया था और लोकसभा द्वारा सोमवार को पारित किया गया था।