सरकारें पहले नाइट कर्फ़्यू ही क्यों लगाती हैं? क्या कोरोना को थामने में कारगर है यह हथियार
पंजाब, मध्य प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र और गुजरात तक दो दर्जन से ज्यादा शहरों में नाइट कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया है। कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए कई राज्यों में पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं। फिलहाल...

पंजाब, मध्य प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र और गुजरात तक दो दर्जन से ज्यादा शहरों में नाइट कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया है। कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए कई राज्यों में पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं। फिलहाल नाइट कर्फ्यू से शुरुआत की गई है और कई राज्यों ने हालात न सुधरने पर और सख्त कदम उठाने की बात कही है। ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि आखिर सरकारें कोरोना से बचाव के लिए पहले नाइट कर्फ्यू का ही फैसला क्यों लेती हैं? पंजाब के 9 शहरों में नाइट कर्फ्यू की टाइमिंग 9 बजे से सुबह 5 बजे तक कर दी गई है। नाइट कर्फ्यू का फैसला भले ही पहली नजर में बहुत प्रभावी नहीं है, लेकिन यह कारगर जरूर है।
प्रशासनिक अधिकारियों का इस संबंध में कहना है कि 9 बजे या फिर रात को 10 या 11 बजे से नाइट कर्फ्यू लगाए जाने से लोग शाम के वक्त निकलने से हिचकते हैं। इसकी वजह यह है कि उन्हें घर वापस लौटने तक देरी हो सकती है। इसके चलते नाइट पार्टीज से भी लोग बचना चाहते हैं। आमतौर पर शाम का वक्त ही ऐसा होता है, जब लोग किसी सामुदायिक कार्यक्रम में शामिल होते हैं या फिर निकलते हैं। ऐसे में नाइट कर्फ्यू के डर से ऐसे लोग हतोत्साहित होते हैं।
यही वजह है कि सरकारें कोरोना के बढ़ते मामलों के खिलाफ नाइट कर्फ्यू के फैसले को कारगर मान रही हैं। हालांकि ज्यादा मामले वाले इलाकों में गतिविधियों पर और लगाम कसने के लिए लॉकडाउन का ही फैसला लिया जा सकता है, जैसा नागपुर में किया गया है। इस शहर में 15 से 21 मार्च तक के लिए एक सप्ताह का पूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया है।
एनसीआर में भी बढ़ने लगी सख्ती: बता दें कि अब तक देश के 25 जिलों में नाइट कर्फ्यू या लॉकडाउन का ऐलान हो चुका है। यही नहीं यदि हालात नहीं सुधरे तो कुछ और शहरों में पाबंदियां लग सकती हैं। पंजाब के 9, गुजरात के 4 और मध्य प्रदेश के 2 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र के 10 शहरों में ऐसे फैसले लिए गए हैं। यही नहीं एनसीआर में भी सख्ती बढ़ रही है। गाजियाबाद और नोएडा प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। नोएडा में यह फैसला 30 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा, जबकि गाजिाबाद में 10 मई तक के लिए यह फैसला लिया गया है।