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राहुल गांधी ने लोकसभा में ऐसा क्या बोला, जिस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माथा पीट लिया

लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बजट की हलवा सेरेमनी की एक तस्वीर दिखाई। उन्होंने तस्वीर दिखाते हुए कहा कि इसमें आपको एक भी ओबीसी, दलित, जनजाति या फिर अल्पसंख्यक अधिकारी नहीं दिखेगा।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 29 July 2024 04:42 PM
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राहुल गांधी ने लोकसभा में ऐसा क्या बोला, जिस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माथा पीट लिया

लोकसभा में राहुल गांधी ने बजट की हलवा सेरेमनी की एक तस्वीर दिखाई। उन्होंने तस्वीर दिखाते हुए कहा कि इसमें आपको एक भी ओबीसी, दलित, जनजाति या फिर अल्पसंख्यक अधिकारी नहीं दिखेगा। वह कहते हैं कि देश का हलवा बंट रहा है और उसमें 73 फीसदी लोग शामिल ही नहीं है। कुल 20 अफसरों ने बजट को तैयार किया, जिसमें 1 ओबीसी और 1 अल्पसंख्यक है, लेकिन इस तस्वीर में को वो भी शामिल नहीं हैं। राहुल गांधी की इस बात पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण माथा पीटती दिख रही हैं। वह हंसते हुए अपने दोनों हाथ माथे पर मारती हैं।

इस पर राहुल गांधी ने कहा कि यह हंसने का मामला नहीं है। देश के ओबीसी, दलित और आदिवासी से जुड़ा मसला है। राहुल गांधी ने कहा कि देश के बजट की हलवा सेरेमेनी में दो से तीन फीसदी लोग ही दिखते हैं और यह हलवा इतने ही लोगों को बंटता है। राहुल गांधी ने कहा कि यह हंसने का विषय नहीं है। कमाल की बात है। हम तो जाति जनगणना की बात कर रहे हैं। इससे देश बदल जाएगा। राहुल गांधी ने डिबेट के दौरान यह भी कहा कि हम वादा करते हैं कि सरकार आने पर इसी संसद में जातिगत जनगणना का बिल पास करेंगे। इसके अलावा किसानों के लिए एमएसपी गारंटी का बिल पास करेंगे।

दरअसल राहुल गांधी के ओबीसी, दलित और आदिवासी मुख्य सचिव और अन्य अफसरों की कमी के सवाल पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पिछले सप्ताह संसद में जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को तथ्यों की जानकारी नहीं है। आज जो लोग मुख्य सचिव जैसे ओहदों पर आकर बैठे हैं, वे आपके कार्यकाल में ही नौकरी पर आए थे। फिलहाल 1992 बैच के अधिकारी इस लेवल पर हैं। इसलिए राहुल गांधी को यह सवाल पूर्व की कांग्रेस सरकारों से पूछना चाहिए। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को तथ्यों की जानकारी रखनी चाहिए और तैयारी करने बोलना चाहिए। उन्होंने कहा था कि वह तो ट्यूशन लेकर बोलते हैं, वह भी एनजीओ वाला। नेताओं का ट्यूशन लें तो भी अच्छा है।