Supreme Court refuses to quash shocking incest charges against former judge अपनी ही नाबालिग बेटी का यौन शोषण? पूर्व जज के खिलाफ आरोप देख भौंचक्का SC जज; रहम से इनकार, India News in Hindi - Hindustan
Hindi NewsIndia NewsSupreme Court refuses to quash shocking incest charges against former judge

अपनी ही नाबालिग बेटी का यौन शोषण? पूर्व जज के खिलाफ आरोप देख भौंचक्का SC जज; रहम से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने अपीलकर्ता पूर्व जज की उस दलील को मानने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने अपनी अलग रह रही पत्नी के साथ लंबे समय से जारी वैवाहिक विवाद के कारण जानबूझकर फंसाने का जिक्र किया था।

Pramod Praveen भाषा, नई दिल्लीWed, 11 June 2025 06:43 PM
share Share
Follow Us on
अपनी ही नाबालिग बेटी का यौन शोषण? पूर्व जज के खिलाफ आरोप देख भौंचक्का SC जज; रहम से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी ही नाबालिग बेटी का यौन शोषण करने के आरोपी पूर्व न्यायाधीश के खिलाफ आपराध को ‘चौंकाने वाला’ बताते हुए उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने से इनकार कर दिया। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने पूछा, “बेटी आरोप लगा रही है। यह चौंकाने वाला मामला है। वह एक न्यायिक अधिकारी है और यह गंभीर आरोप हैं। यह हैरान करने वाला है कि बेटी ने आरोप लगाए हैं। उसे जीवन भर के लिए आघात पहुंचा होगा। यह कैसे प्राथमिकी को रद्द करने का मामला हो सकता है?”

इसके साथ ही खंडपीठ ने 15 अप्रैल, 2025 को बॉम्बे हाई कोर्ट के एक आदेश के खिलाफ पूर्व न्यायाधीश की अपील को खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय ने अधीनस्थ न्यायालय के तय आरोपों को बरकरार रखा था। पीठ ने अपीलकर्ता की उस दलील को मानने से इनकार कर दिया, जिसमें पूर्व न्यायाधीश ने अपनी अलग रह रही पत्नी के साथ लंबे समय से जारी वैवाहिक विवाद के कारण फंसाने का जिक्र किया था।

अपीलकर्ता के पिता ने कर ली थी खुदकुशी

अपीलकर्ता ने अपनी अर्जी में यह भी दलील थी कि शिकायतकर्ता पक्ष द्वारा कथित रूप से परेशान किए जाने के बाद उनके पिता ने आत्महत्या की थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस मनमोहन ने टिप्पणी की, “हम इस सब में नहीं पड़ना चाहते। आत्महत्या बेटे (न्यायाधीश) के कार्यों के कारण भी हुई हो सकती है।” इस बीच, पूर्व न्यायाधीश के वकील ने दलील दी, “मेरे मुवक्तिल का पूरा जीवन उनकी वैवाहिक समस्याओं के कारण बर्बाद हो गया।”

ये भी पढ़ें:आज की पीढ़ी तौर-तरीके नहीं सीखना चाहती, महिला वकील की इस हरकत से SC नाराज
ये भी पढ़ें:हिंदू महिला से शादी के लिए जेल में नहीं रख सकते, मुस्लिम युवक को SC से मिली बेल
ये भी पढ़ें:मुस्लिमों को ‘कठमुल्ला’ कहने वाले जज शेखर यादव खिलाफ SC ने रोक दी जांच, क्या वजह
ये भी पढ़ें:राज्य के पास असाधारण शक्ति, संयम से हो प्रयोग; एहतियातन हिरासत पर सुप्रीम कोर्ट

वकील ने कहा, “उनके (पूर्व न्यायाधीश के) पिता ने आत्महत्या कर ली थी। शिकायत बहुत बाद में की गई थी और पहले की कानूनी कार्यवाही के दौरान इसका कभी उल्लेख नहीं किया गया।” पीठ ने हालांकि पूर्व न्यायाधीश के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत गंभीर आरोपों पर ध्यान दिया।

मामला मई 2014 और 2018 के बीच का

यह मामला मई 2014 और 2018 के बीच हुई दुर्व्यवहार की कथित घटनाओं के बाद महाराष्ट्र के भंडारा में 21 जनवरी, 2019 को दर्ज एक प्राथमिकी से सामने आया है। इस मामले में आरोप-पत्र दायर कर दिया गया है लेकिन मामले में औपचारिक आरोप तय होना बाकी है। पूर्व न्यायाधीश पर तत्कालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 के तहत महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला करने के अलावा पॉक्सो अधिनियम की धारा 7, 8, 9 (एल), 9 (एन) और 10 के तहत आरोप लगाए गए हैं।

इंडिया न्यूज़ , विधानसभा चुनाव और आज का मौसम से जुड़ी ताजा खबरें हिंदी में | लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज , बिजनेस न्यूज , क्रिकेट न्यूज पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।