पाकिस्तानी सेना छोड़ने के बाद भी वर्दी पहनता रहा तहव्वुर राणा, ISI और लश्कर संग बैठकें; खुले राज
- तहव्वुर हुसैन राणा साल 1997 में अपनी पत्नी समरज राणा अख्तर के साथ कनाडा चला गया, जो डॉक्टर है। यहां उसने इमिग्रेशन कंसल्टेंसी शुरू की और बाद में हलाल मांस का कारोबार करने लगा। कंसल्टेंसी ही उसकी आतंकी गतिविधियों का मुखौटा बनी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा से पूछताछ कर रही है। अब तक के सवाल-जवाब में कई सारे नए खुलासे हुए हैं। पता चला कि पाकिस्तानी सेना का मेडिकल कोर छोड़ने के बाद भी वह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े लोगों से मिलते वक्त सैन्य वर्दी पहना रहता था। रिपोर्ट के अनुसार, राणा पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के चिचावटनी गांव का रहने वाला है और उसके पिता स्कूल प्रिंसिपल थे। तहव्वुर राणा को लेकर तीन भाई हैं। उसका एक भाई पाकिस्तानी सेना में साइकोलॉजिस्ट है, जबकि दूसरा पत्रकार है। उसने कैडेट कॉलेज हसनाबदल में पढ़ाई की, जहां उसकी मुलाकात डेविड कोलमैन हेडली (दाऊद सईद गिलानी) से हुई, जो 26/11 हमलों से जुड़ा है और फिलहाल अमेरिकी जेल में बंद है।
तहव्वुर हुसैन राणा साल 1997 में अपनी पत्नी समरज राणा अख्तर के साथ कनाडा चला गया, जो डॉक्टर है। यहां उसने इमिग्रेशन कंसल्टेंसी शुरू की और बाद में हलाल मांस का कारोबार करने लगा। कंसल्टेंसी ही उसकी आतंकी गतिविधियों का मुखौटा बनी, जिसमें हेडली ने सलाहकार की भूमिका निभाई। एनडीटीवी ने एनआईए सूत्रों के हवाले से बताया कि मेडिकल डिग्री रखने वाला राणा ने सर्विस छोड़ने के बाद भी सैन्य वर्दी पहनता था। यूनिफॉर्म में उसने आतंकी शिविरों का दौरा किया और लश्कर-ए-तैयबा व आईएसआई से जुड़े गुटों के संपर्क में रहा। तहव्वुर राणा ग्लोबल आतंकी साजिद मिर के भी टच में था, जो भारत का मोस्ट वांटेड भगोड़ा है। मिर ने ही 26/11 हमलों के दौरान मुंबई के चबाड हाउस पर हमले की साजिश रची थी, जिसमें 6 बंधकों की मौत हुई थी।
तहव्वुर राणा का मेजर इकबाल से कनेक्शन
अमेरिका ने साजिद मिर की गिरफ्तारी के लिए 50 लाख डॉलर का इनाम रखा है। साल 2022 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र को एक ऑडियो सौंपा था, जिसमें मिर हमलावरों से बातचीत करता सुनाई देता है। एनआईए सूत्रों के अनुसार, तहव्वुर राणा पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहनकर मेजर इकबाल से मिला था, जो एक संदिग्ध ISI अधिकारी है। इकबाल पर हेडली की ओर से टोही मिशनों के लिए फंड देने, निगरानी रखने और निर्देश देने का आरोप है। रिपोर्ट में कहा गया कि हेडली ने 2010 में मृत्युदंड से बचने के लिए अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसने उस व्यक्ति के साथ 20 से अधिक ईमेल शेयर करने का खुलासा किया, जिसे वह चौधरी खान के नाम से जानता था और जिसका मेजर इकबाल उपनाम था।