मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति ने की पड़ोसी की हत्या, गुस्साए लोगों ने उसे पीट-पीटकर मार डाला
- देसप्रिय भट्टाचार्य की हत्या करने के बाद देबनाथ शव को पास के तालाब में ले गया और लोहे की छड़ के साथ वहीं रहा। ग्रामीणों की ओर से सूचना दिए जाने के बाद पुलिस की एक टीम कलचेर्रा गांव पहुंची।

त्रिपुरा के एक गांव में मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति पड़ोसी की हत्या कर दी। इसके बाद आक्रोशित स्थानीय लोगों ने रविवार को आरोपी की पीट-पीटकर उसे जान से मार डाला। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। मनुबाजार पुलिस थाने के अंतर्गत कलचेर्रा गांव का आशीष देबनाथ मानसिक रूप से अस्वस्थ था। रविवार सुबह वह उन्मादी हो गया जिसके बाद 2 स्थानीय लोग उसे शांत कराने के लिए गए। उपविभागीय पुलिस अधिकारी नित्यानंद सरकार ने बताया, ‘देबनाथ हिंसक हो गया और उसने दोनों पर हमला कर दिया। उसने उनमें से एक पर लोहे की रॉड से प्रहार कर दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। दूसरा व्यक्ति भागने में सफल रहा।’
देसप्रिय भट्टाचार्य की हत्या करने के बाद देबनाथ शव को पास के तालाब में ले गया और लोहे की छड़ के साथ वहीं रहा। ग्रामीणों की ओर से सूचना दिए जाने के बाद पुलिस की एक टीम कलचेर्रा गांव पहुंची। पुलिस वैन को देखकर देबनाथ ने भागने की कोशिश की लेकिन सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय लोगों ने उसका पीछा किया। ग्रामीणों ने देबनाथ को पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट की। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हम उसे पास के स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।’
पुलिसकर्मियों पर हमला करने के आरोप
एसडीपीओ ने कहा कि देबनाथ को पिछले साल पुलिसकर्मियों पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वह जमानत पर बाहर था। उन्होंने कहा, 'हमने घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।' वहीं, कांग्रेस नेता व त्रिपुरा विधायक सुदीप रॉयबर्मन ने राज्य में 500 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले की सीबीआई से जांच की मांग की है, जिसमें बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन लोगों को दी गई है। रॉयबर्मन ने कहा कि उन्होंने सिपाहीजाला जिले में हुए बड़े भूमि घोटाले पर समय पर प्रश्न किया था। इसका उत्तर सदन में मुख्यमंत्री माणिक साहा को देना था, जिनके पास राजस्व विभाग का प्रभार भी है। लेकिन सत्र शुरू होने से आधे घंटे पहले रॉयबर्मन को विधानसभा सचिवालय से एक पत्र मिला, जिसमें कहा गया कि राजस्व विभाग ने प्रश्न का उत्तर देने में असमर्थता व्यक्त की है।