तुलसी के बयान से फिर बाहर आया EVM का जिन्न, सुरजेवाला बोले- स्वतः संज्ञान लेकर जांच कराए SC
- EVM: अमेरिकी खुफिया विभाग की निदेशक तुलसी गबार्ड के ईवीएम पर दिए बयान के बाद भारत में राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पीएम मोदी, चुनाव आयुक्त की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेकर जांच कराने की मांग की है।
इलेक्ट्रिोन वोटिंग मशीन (EVM) की हैकिंग को लेकर एक बार फिर राजनीति गर्म हो गई है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने हैकिंग को लेकर अमेरिका की खुफिया विभाग की प्रमुख के बयान का हवाला देते हुए पीएम मोदी और निर्वाचन आयोग की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेकर जांच कराने की मांग की है। हालांकि इन सभी बातों के बीच चुनाव आयोग के सूत्रों की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि भारतीय ईवीएम को इंटरनेट या वाईफाई से नहीं जोड़ा जा सकता न ही इसे हैक किया जा सकता है।
सुरजेवाला ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर तुलसी गबार्ड के बयान का हवाला देते हुए कहा कि गबार्ड ने सार्वजनिक रूप से ईवीएम की हैकिंग और उसकी कमजोरियों के मुद्दे को उठाया है। उन्होंने लिखा, " वास्तव में गबार्ड ने कहा कि चुनाव के नतीजों में हेराफेरी के लिए ईवीएम का दुरुपयोग किया जा सकता है। सवाल यह है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयोग इस मामले पर चुप क्यों है? तुलसी गबार्ड ने जो कहा उसे नकारने के लिए आयोग सूत्रों के आधार पर कहानियां क्यों कह रहा है? प्रधानमंत्री और एनडीए सरकार और भाजपा इस मामले पर चुप क्यों है?
सुरजेवाला ने कहा कि हमारे निर्वाचन आयोग को और केंद्र सरकार को ईवीएम की हैकिंग और अन्य कमजोरियों के सभी तौर-तरीके और कारण हासिल करने के लिए तुलसी गबार्ड से संपर्क करना चाहिए.. कि आखिर वह कैसे और किस आधार पर यह बात कर रही हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि क्या भारत के उच्चतम न्यायालय को इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान नहीं लेना चाहिए.. और यह मानते हुए इसकी गहन जांच नहीं करानी चाहिए कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव ही संवैधानिक लोकतंत्र की बुनियादी संरचना है?
कांग्रेस नेता के सवालों के पहले चुनाव आयोग के सूत्रों ने भारतीय ईवीएम को हैक करने वाली तमाम अटकलों को खारिज कर दिया। सूत्रों के मुताबिक भारतीय ईवीएम मशीन साधारण कैलकुलेटर की तरह काम करती हैं, जो किसी भी इंटरनेट कनेक्शन से नहीं जुड़ी होती.. ऐसे में इन्हें हैक करना संभव नहीं है।
क्या कहा था तुलसी गबार्ड ने?
अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया विभाग की निदेशख तुलसी गबार्ड ने गुरुवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "मंत्रिमंडल को इस बात के सबूत मिले हैं कि इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन सिस्टम लंबे समय से हैकर्स के सामने कमजोर रहे हैं। इनके हैक होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही इनमें वोटों के नतीजों के हेरफेर की आशंका भी रहती है। ऐसे में पूरे देश में पेपर बैलेट के इस्तेमाल को अनिवार्य करने की जरूरत महसूस होती है ताकि मतदाता अमेरिकी चुनावों की अखंडता पर भरोसा कर सकें।